सरकार ने पेसा मोबलाइजर्स का मानदेय डबल कर खेला बड़ा सियासी दांव
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 24 अक्टूबर। आदिवासी बाहुल्य विजयपुर विधानसभा सीट के प्रतिष्ठापूर्ण उप चुनाव के बीच सरकार ने आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायतों में पदस्थ पेसा मोबलाइजर्स का मानदेय 4 हजार से बढ़ाकर 8 हजार रुपए प्रतिमाह करके बड़ा दांव खेला है। पेसा मोबलाइजर्स दो साल पहले मध्यप्रदेश में लागू किए पेसा एक्ट के अनुसार आदिवासी बाहुल्य पंचायतों को सशक्त बनाने के काम मुख्य सहयोगी की भूमिका निभा रहे हैं।
विजयपुर विधानसभा सीट के लिए भाजपा के चुनाव अभियान में सक्रिय सीएम डा मोहन यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पेसा मोबलाइजर्स का मानदेय बढ़ाए जाने की सूचना सार्वजनिक की। इससे इस फैसले के लिए उन्हें उत्तरदायी माना जा रहा है, जबकि राज्य सरकार का कहना है कि यह फैसला केंद्र सरकार ने लिया है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पास किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केंद्र कैबिनेट द्वारा आज जनजातीय क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य की पूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करने वाले पेसा मोबिलाइजर्स का मानदेय 4 हजार रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 8 हजार रुपए प्रतिमाह देने निर्णय से मध्यप्रदेश सरकार का एक और संकल्प पूर्ण हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी पेसा मोबिलाइजर्स को बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहाकि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में हम जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिएपूर्ण प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्यरत हैं।
पेसा मोबलाइजर की पदस्थापना उन सभी राज्यों की उनसभी ग्राम पंचायतों में की गई है जिन राज्यों में पेसा एक्ट लागू है और जो पंचायतें इस एक्ट के दायरे में आती हैं। इन मोबलाइजर का काम इन पंचायतों के पदाधिकारियों और अमले को एक्ट के प्रावधानों के अनुसार आदिवासियों के हित मे फैसले लेने के लिए बताना और प्रेरित करना है। पेसा एक्ट में पंचायतो को क्या अधिकार दिए गए हैं, यह समझने में पंचायतों के प्रतिनिधियों और अमले को समय लगेगा। इसलिए सरकार ने मानेदय निर्धारित कर पेसा मोबलाइजर्स की पोस्टिंग पेसा के प्रावधानों में आने वाली सभी ग्राम पंचायतों में की है। करीब दो साल से काम कर रहे मोबलाइजर कई बार 4 हजार के मानदेय को कम बताते हुए बढ़ाने की मांग कर चुके थे। उनकी मांग पूरी होगी उन्हें यह उम्मीद तो थी लेकिन मानदेय डबल कर दिया जाएगा उन्हें इसकी उम्मीद नहीं थी। मध्य प्रदेश में करीब 20 आदिवासी बहुल जिले हैं, जिनमें पेसा मोबिलाइजर की नियुक्ति ग्राम सभाओं में हुई है। सरकार ने दिवाली से पहले पेसा मोबिलाइजर को बड़ा तोहफा दिया है। विजयपुर विधानसभा उपचुनाव से पहले सरकार ने इनकी मानदेय बढ़ाने की घोषणा कर दी है। यह ऐसा फैसला है जिसका विरोध इस समय विपक्ष भी नहीं कर सकता है। इसे आचार संहिता के उल्लंघन का मामला भी विपक्ष इस समय नहीं बता सकता है। इसलिए इस फैसले को सरकार का बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है।