इज्तिमा में हिंदुओं की दुकानें लगाने पर मचा सियासी बवाल
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 27 नवंबर। एमपी की राजधानी भोपाल में इस माह के अंत में होने जा रहे मुसलमानों के दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक आलमी तब्लीगी इज्तिमा में हिंदुओं को भी दुकानें लगाने को लेकिन सियासी बवाल मच गया है। इसे कुंभ में गैर हिंदुओं को दुकानें नहीं लगाने देने की बागेश्वर पीठाधीश्वर की मांग से जोड़ा जा रहा है।
भोपाल के पास ईंटखेड़ी में हर साल की तरह इस साल भी इज्तिमा का आयोजन होने जा रहा है। इजित्मा मुस्लिम समाज का दुनिया का बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है। भोपाल में इज्तिमा करीब 77 सकाल से आयोजित हो रहा है। पहले यह शहर में एशिया की बडी मस्जिदों में शुमार ताजुल मसाजिद के पास लगता था। लेकिन शहर के अंदर भारी भीड़ होने के कारण कुछ साल पहले इसे बैरसिया रोड पर ईंटखेड़ी में शिफ्ट कर दिया गया। इज्तिमा में दुनिया भर के मुस्लिम धर्मावलंबी लाखों की संख्या में शामिल होते हैं। इस बार भी पाकिस्तान छोड़ दुनिया के अन्य सभी देशों से करीब 10 लाख लोगों के आने की संभावना है। इज्तिमा कमेटी ने उसी के अनुसार सारी व्यवस्थाएं की हैं। इज्तेमा परिसर में 250 से अधिक दुकानें आवंटित की गई हैं। इन्हें इज्तिमा प्रबंधन कमेटी द्वारा मुफ्त आवंटन को किया ही गया है। साथ ही पानी की फ्री व्यवस्था भी कराई जा रही है। दुकानें हर वर्ग और समाज के व्यवसाइयों की आवंटित हुई है। इनमें हिंदू भी शामिल है। कमेटी ने सभी से सिर्फ वाजिब रेट पर ही समान बेचने की शर्त रखी है। लेकिन हिंदू संगठन इस मुस्लिम धार्मिक आयोजन में हिंदुओं की दुकानें लगाने पर ऐतराज जताया है। हिंदू संगठन संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चंद्रशेखर तिवारी का दावा है कि बागेश्वर पीठाधीश्वर संत धीरेंद्र शास्त्री की इस मांग पर कि प्रयाग के कुंभ में गैर हिंदुओ को दुकानें लगाने कीअनुमति न दी जाए, इज्तिमा में हिंदुओ की दुकानें लगाने की कोशिश की जा रही है, ताकि कुंभ में गैर हिंदुओं की दुकानें लगाने के लिए दबाव बनाया जा सके। इसके विपरीत हज कमेटी का कहना है कि कमेटी हिंदू मुसलमान देखकर दुकानें आवंटित नहीं करती है। उसकी बस एक ही शर्त होती है कि इज्तिमा में दुनिया भर से आने वाले लोगों को उनकी जरूरत की हर चीज मिल जाए और कमेटी द्वारा तय वाजिब दामों पर बेची जाए। वहीं भाजपा के फायर ब्रांड विधायक रामेश्वर शर्मा इज्तिमा में हिंदुओं की दुकानें लगाने के पक्ष में हैं, लेकिन कुंभ में दुकाने लगाने को लेकर वे बाबा बागेश्वर के साथ खड़े हैं। उनका तर्क है कि इज्तिमा एक मेला है औऱ अन्य मेलों की तरह कोई भी व्यवसायी यहां दुकानें लगाकर अपना धंधा कर सकता है, लेकिन कुंभ मेला नहीं आस्था और धर्म का महा आयोजन है,. वहां ऐसी छूट नहीं दी जा सकती है। इन विवादित बयानों के चलते सियासी बवाल मच रहा है।
खाने के लिए यहां 4 फूड जोन हैं, इसमें 28 स्टॉल हैं। खास बात ये है कि, ये फूड जोन और स्टॉल किसी भी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं बल्कि समाज और बिरादरियों को आवंटित किए गए हैं। इन सभी कॉर्नर्स पर खानपान की चीजें मुहैया कराई जाएंगी। प्रबंधन की ओर से सिर्फ दुकान लेने वाले शख्स से कहा गया है कि जो सामान बाजार में जिस कीमत पर मिलता है, उसे उस ही कीमत पर इज्तिमा में आए लोगों को मुहैया करानी होंगी। अधिक भीड़ का लाभ उठाकर महंगे दाम पर सामान बेचने वाले का दुकान आवंटन निरस्त किया जाएगा। चीजों की कीमत कम से कम रहे, इसके लिए इज्तेमा प्रबंधन ने आवंटन के दौरान किसी से कोई राशि नहीं ली है। साथ ही, दुकानों को पानी की व्यवस्था भी मुफ्त कराई जा रही है।