सप्रे की सदस्यता पर सियासत गर्माई
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 28 नवंबर। भाजपा और कांग्रेस के बीच असमंजस की स्थिति में फंसी बीना से कांग्रेस की विधायक निर्मला सप्रे की विधानसभा सदस्यता पर सियासत गर्माती जा रही है। विजयपुर में विजय से उत्साहित कांग्रेस सप्रे की सदस्यता को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाने जा रही है। सप्रे की सदस्यता की स्थिति स्पष्ट करने के लिए कांग्रेस विधानसभा सचिवालय पर पहले से ही दबाव बना रही है। कांग्रेस पार्टी का विधायक दल सदन में सप्रे को अपने साथ बैठाने को तैयार नहीं है।
विधानसभा के 2023 के चुनाव में निर्मला सप्रे बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुई थीं। वे सागर जिले में कांग्रेस की इकलौती विधायक हैं। लोकसभा चुनाव के समय उनकी नजदीकी बीजेपी से बढ़ी तो वे बीजेपी के चुनावी मंच पर जा पहुंची। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की अगुवाई में वे बीजेपी के चुनाव अभियान का हिस्सा बनती रहीं। उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव के बाद वे विधायकी और कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लेंगी। लोकसभा चुनाव में बीजेपी के पाले में खड़े कांग्रेस के लगभग सभी विधायकों और नेताओं ने विधिवत बीजेपी की सदस्यता ले ली, लेकिन निर्मला सप्रे का मामला अटक गया। बताया जाता है कि वे खुद को कैबिनेट में शामिल किए जाने तथा बीना को जिला बनाने के वायदे के साथ बीजेपी के पाले में आई थीं, लेकिन दोनों वायदे पूरे नहीं होने पर निर्मला कदम आगे नहीं बढ़ा सकीं। भाजपा उन्हें अभी घोषित रूप से अपना नहीं मान रही है। वहीं उनकी पार्टी कांग्रेस उनके खिलाफ खड़ी है। पहले कांग्रेस ने विधानसभा सचिवालय पर निर्मला की सदस्यता खत्म करने का दबाव बनाया। अब विजयपुर की जीत से उत्साहित कांग्रेस निर्मला सप्रे को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रही है। कांग्रेस जल्द ही इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर करेगी। उधर कांग्रेस विधायक दल ने तय किया है कि 16 दिसंबर से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र में निर्मला सप्रे को पार्टी अपने खेमे में नहीं बैठाएगी। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि सत्र के पहले होने वाली विधायक दल की बैठक में भी निर्मला सप्रे को आमंत्रित नहीं किया जाएगा।
इधर निर्मला सप्रे ने विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर से मुलाकात की है और इस मामले को लेकर अलग से सुनवाई करने की अपील की है। निर्मला सप्रे बुधवार को बीजेपी में हुई बैठक के दौरान पार्टी मुख्यालय भी पहुंची थीं। इसके बाद भी बीजेपी फिलहाल उन्हें अपना नहीं मान रही है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा कहते हैं कि निर्मला सप्रे बीजेपी की सदस्य नहीं हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री जी से कई बार मुलाकात की है और विधायक के रूप में सीएम से मिलना और अपनी मांगे तथा प्रस्ताव रखना उनका अधिकार है। उन्होंने कहा कि अगर निर्मला बीजेपी में आती हैं तो उनका स्वागत किया जाएगा। सप्रे की सदस्यता पर सस्पेंस बना रहने से सियासत गर्मा रही है।