चार लाख करोड़ का हो सकता है मध्यप्रदेश सरकार का अगला बजट
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 27 नवंबर। मध्यप्रदेश सरकार इस बार अपने बजट में योजनाओं की वर्तमान स्थिति के अनुसार राशि का प्रावधान करने जा रही है। इसके लिए सभी योजनाओं की समीक्षा की जा रही है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने लाड़ली बहना जैसी योजनाओं के लिए साल भर के व्यय के अनुसार बजट आवंटन की तैयारी की है। राज्य सरकार का वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट चार लाख करोड़ से ज्यादा का हो सकता है। यह वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट से 3.65 लाख करोड़ से करीब 50 हजार करोड़ अधिक होगा।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार बजट आवंटन की तैयारी शुरू हो गई है। संचालक बजट ने सभी विभागों के लिए बजट की अंतरिम सीमा तय कर दी है। सभी विभागों को उनको मिलने वाली संभावित राशि के बारे में भी बताया गया है ताकि वे उसके अनुसार अपनी योजनाएं तैयार कर सकें। इस बार शून्य बजट की प्रक्रिया अपनाई गई है यानी एक-एक योजना की समीक्षा कराई जा रही है। इसमें उनकी उपयोगिता के बारे में पूछने के साथ अब तक की उपलब्धियों का ब्योरा भी मांगा जा रहा है। प्रस्तावों पर विचार करने के लिए उप सचिव स्तर के अधिकारियों की बैठकें चल रही हैं। इसके बाद सचिव और फिर मंत्री स्तरीय बैठकें करके प्रस्तावों को अंतिम देने के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। सरकार ने जनता से सीधे जुड़ी योजनाओं का बजट किसी भी सूरत मे कम नहीं करने का निर्देश दिया है। सरकार की चिंता लाड़ली बहना योजना और बिजली सब्सिडी जैसी योजनाओं को लेकर अधिक है। इसलिए महिला एवं बाल विकास विभाग को करीब 27 हजार करोड़ का बजट आवंटित किया जाएगा। इस बजट में लाडली बहना योजना और 450 रुपए में सिलेंडर देने की योजनाओं की राशि शामिल होगी। इसी तरह सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए दिए जाने वाले अनुदान के लिए विभिन्न विभागों के बजट में 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रविधान रखा जाएगा। अधोसंरचना विकास के कार्यों को गति देने की प्राथमिकता को पूरा करने के लिए पूंजीगत व्यय 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के लिए 19 हजार 203 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं। इसमें प्रधानमंत्री आवास से लेकर अन्य योजनाओं के लिए प्रावधान किया जाएगा। नगरीय विकास पर 17 हजार 236 करोड़, घर-घर पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 11 हजार 383 करोड़, स्कूल शिक्षा के लिए 39 हजार 109, लोक निर्माण के लिए 11 हजार 58 स्वास्थ्य के लिए 16 हजार 767, कृषि विकास के लिए 19 हजार 883, गृह के लिए 13 हजार 560, जनजातीय विकास के लिए 14 हजार 769 करोड़ रुपये की अंतरिम बजट सीमा दी गई है। इसमें पूंजीगत के साथ-साथ राजस्व व्यय भी शामिल हैं। इसी राशि में कर्मचारियों के वेतन-भत्ते के साथ पेंशनरों को किए जाने वाले भुगतान की राशि भी रहेगी। प्रदेश के कर्मचारियों को भले ही अभी 50 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता दिया जा रहा है पर आगामी वित्तीय वर्ष में यह बढ़कर 64 प्रतिशत हो जाएगा। इसके हिसाब से सभी विभागों को स्थापना व्यय में प्रविधान करके रखना होगा। इसी तरह संविदा कर्मचारियों के पारिश्रमिक में चार प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के हिसाब से प्रविधान रहेगा।
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री डा मोहन यादव से भी चर्चा की है। माना जा रहा है कि अगले वित्तीय साल के बजट में कर्ज और ब्याज चुकाने के लिए भी विशेष प्रावधान किए जा रहे हैं।