सरकार के आनंद विभाग की शुरुआत आनंदम से

Jan 15, 2017

भोपाल। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है जहाँ आर्थिक रूप से सम्पन्न नागरिकों द्वारा अपनी जरूरत से ज्यादा सामग्री जरूरतमंदो को देने के लिए आनंदमकार्यक्रम की शुरूआत की है। प्रत्येक जिले में ऐसे स्थान तय किए गए हैं जहाँ नागरिक जरूरतमंदों के लिए सामग्री दान दे सकते हैं और जरूरतमंद उन्हें ले सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मकर संक्रांति के पावन पर्व पर नवगठित आनंद विभाग के आनंदमकार्यक्रम की शुरूआत स्थानीय टी. टी. नगर स्टेडियम से की। इसके साथ ही पूरे प्रदेश में 21 जनवरी तक आनंद उत्सव मनाया जायेगा। इसमें आनंद देने वाली गतिविधियों जैसे पारम्परिक खेल, नृत्य एवं संगीत की गतिविधियाँ शुरू की गई हैं। सभी आयु वर्ग के लोग इसमें भाग ले रहे हैं। आनंद विभाग गठित करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है।

इस अनूठे कार्यक्रम का प्रदेश में एक साथ शुभारंभ करते हुए श्री चौहान ने कहा कि सच्चा आनंद दूसरों की मदद करने से मिलता है। नागरिको में प्रसन्न्ता का प्रतिशत बढ़ाने के लिये आनंदम कार्यक्रम जैसी पहल की गयी है। उन्होंने कहा कि जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोंण लाने के उद्देश्य से आनंद सभाओं का आयोजन किया जायेगा। विद्यार्थियों को तनाव मुक्त रखते हुये उन्हें जीवन जीने की कला भी सिखायी जायेगी। जीवन को आनंदमय और अर्थपूर्ण बनाने से संबंधित पाठ को शालेय पाठ्यक्रमों में शामिल किया जायेगा। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण लाना है ताकि वे जरूरतमंदो की सेवा और सहायता के लिये वैचारिक रूप से तैयार रहे। स्कूलों में भी आनंद सभाओं का आयोजन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अपील की है कि वे स्वेच्छा से आनंदक के रूप में स्वयं का पंजीयन करवाये। उन्हें प्रारंभिक प्रशिक्षण दिया जायेगा और वे आनंद के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। श्री चौहान ने कहा कि www.anandsansthanmp.in पर जाकर हर नागरिक आनंदक बन सकता है, जो दूसरों को खुशी देने की इच्छा रखता‍है। इसमें अशासकीय संगठन, शासकीय कर्मचारी, सांस्कृतिक, व्यापारिक संस्थाएँ भाग ले सकते है।

मुख्यमंत्री ने नागरिकों को मकर संक्रांति पर्व की बधाई देते हुए कहा कि आनंदम कार्यक्रम प्रदेश सरकार की अनूठी पहल है। उन्होंने कहा कि केवल धन और संसाधन से आनंद नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि आनंद के बिना दीर्घायु और दीर्घजीवन किसी काम का नहीं है। उन्होंने कहा कि आनंद देने वाली गतिविधियों की शुरुआत के साथ विकास की गतिविधियाँ निरंतर चलती रहेंगी।

मुख्यमंत्री ने आनंदम की अवधारणा समझाते हुए कहा कि खुशी के लिए धन, संसाधन और पद-प्रतिष्ठा पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में कहा गया है कि दान के बिना अन्न जहर के समान होता है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे ऐसी उपयोगी वस्तुओं को जरूरतमंदो को दे जो उनके पास आवश्यकता से ज्यादा है जैसे कपड़े, कंबल, किताबें, बर्तन, फर्नीचर या अन्य सामग्री। उन्होंने माताओं बहनों से भी आग्रह किया कि वे इस पहल को प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक रूप से जिला मुख्यालयों में शुरूआत हुई है। इसे क्रमश: शहरों, पंचायत स्तर पर ले जाया जायेगा। श्री चौहान ने स्पष्ट किया कि आनंदम कार्यक्रम पूर्ण रूप से स्वैच्छिक कार्यक्रम है। यह आनंद की वर्षा करने वाला प्रकल्प है। उन्होंने समाज के सभी सक्षम वर्गों से अपील की कि वे इसमें आगे आकर भाग लें। उन्होंने बताया कि फिलहाल राजधानी में टी.टी.नगर स्टेडियम, कान्सेप्ट स्कूल साऊथ टी.टी. नगर, संजय तरण पुष्‍कर- कोहेफिजा, गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र और स्वर्ण जयंती पार्क कोलार रोड में व्यवस्था की गयी है। इसी तरह यह व्यवस्था सभी जिला मुख्यालयों में शुरू की गई है।

मुख्यमंत्री और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह ने अपने जरूरत से ज्यादा सामान्य जैसे जैकेट, साड़ियाँ, कम्बल, बर्तन, स्कूल बैग जरूरतमंदों के लिए दान दिए। श्री चौहान एवं श्रीमती साधना सिंह ने पतंग भी उड़ाई। भोपाल महापौर श्री आलोक शर्मा ने आभार व्यक्त किया।

Category: