पंजाब की कैप्टन पिच पर सिद्धू का फ्रंटफुट गेम
नई दिल्ली, 16 जनवरी। क्रिकेटर, पालीटीशियन और कामेडियन के रूप में कई यादगार भूमिकाएं निभाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी नई पारी कांग्रेस के साथ शुरू कर दी, लेकिन इस मौके पर कैप्टन अमरिंदर सिंह की गैर मौजदूगी ने इस बात का अहसास करा दिया है कि सिद्धू पंजाब कांग्रेस की जिस पिच पर उतरने जा रहे हैं, वह बहुत अच्छी नहीं हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सिद्धू को पार्टी की सदस्यता दिला दी, लेकिन अन्य औपचारिकताएं पंजाब कांग्रेस पूरी करेगी।
करीब 6 महीने पहले भाजपा को अलविदा कहने के बाद से ही प्रतीक्षा की जा रही थी कि सिद्धू कब अपनी नई पारी की घोषणा करते हैं। सभी को उम्मीद थी कि पंजाब और पंजाबियत की दम पर राजनीति कर रहे सिद्धू शायद कांग्रेस का हाथ ही पकड़ेंगे। अंततः यह बात सही साबित हुई और सिद्धू कांग्रेस के साथ हो लिए। राहुल गांधी ने खुद ट्वीट करके इस बात को सार्वजनिक किया। राहुल के ट्वीट के बाद सिद्धू ने भी सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि फ्रंट फुट पर नई पारी की शुरुआत..पंजाब, पंजाबियत व हर पंजाबी जीतना चाहिए। छह महीने पहले भाजपा छोड़ते समय उन्होंने कहा था कि भाजपा उन्हें शो पीस बनाकर रख रही है। उन्हें पंजाब से बाहर रहने को कहा जा रहा है।
शो पीस बनाने के आरोप आम आदमी पार्टी पर भी लगाए, जब आप में न जाने की घोषणा की। लेकिन, इन छह महीनों में वे पंजाब आए तक नहीं। 19 दिन बाद वोटिंग है और 18 जनवरी तक नॉमिनेशन, इसलिए सिद्धू का अब आना तय है। सिद्धू को कांग्रेस में लाने के लिए गांधी परिवार को उनके साथ 7 बैठकें करनी पड़ी। राहुल से चार, प्रियंका से दो और सोनिया से मीटिंगों के बाद सिद्धू कांग्रेस के "हाथ' आए।
सिद्धू कांग्रेस में आ तो गए लेकिन पंजाब की पिच आसान नहीं है। विशेषकर कैप्टन अमरिंदर सिंह के राजनीतिक अंदाज को जानने वाले मानते हैं कि कैप्टन कभी भी नंबर दो की पोजीशन पर नहीं रहना पसंद करते हैं। ऐसे में सिद्धू की उनसे कैसे पटेगी यह कह पाना मुश्किल है। सिद्धू के बारे में भी कहा जाता है कि वे नंबर दो पर रहना पसंद नहीं करते हैं। सिद्धू की कांग्रेस में एंट्री का कैप्टन ने ट्वीट करके ही स्वागत किया। पंजाब की प्रभारी आशा कुमारी अब सफाई दे रही हैं कि कैप्टन पंजाब में बेहद व्यस्तताओं के कारण दिल्ली नहीं आ पाए। लेकिन सियासत में ये छोटी छोटी बातें ही बड़े संकेत देती हैं। अगर कांग्रेस को लग रहा है कि सिद्धू के पार्टी में आने से पार्टी को पंजाब में फायदा होगा तो कैप्टन की मौजदूगी जरूरी थी। आखिरकार वे भी तो पंजाब में कांग्रेस के फायदे के लिए ही दिन रात एक कर रहे हैं। कैप्टन ने पंजाब में जो पिच बनाई है उस पर अच्छे अच्छों के लिए खेलना मुश्किल होता है। इस बात को राहुल गांधी भी बहुत अच्छे से जानते हैं। अब जब सिद्धू फ्रंट फुट पर खेलने का दावा कर रहे हैं तो देखना यही है कि कैप्टन उनकी कितनी मदद करते हैं। यही सिद्धू और कांग्रेस दोनों को पंजाब में भविष्य तय करेगी।