राज्यपाल ने बंंदिशें तोड़कर किया नवाचार और उन्हें दिया किताबों का रूप दिया
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 16 जुलाई। राज्यपाल और राजभवन दोनों को परंपराओं और प्रोटोकाल की बंदिशों से बाहर निकालकर नवाचार करने के लिए चर्चित प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के निर्देशन में राजभवन लगातार नवाचार कर रहा है। पिछले साल किए गए नवाचारों की सफलता को दो पुस्तकों में संजोया गया है जिन्हें प्रयास और प्रतिबिम्ब नाम दिया गया है।
राजभवन में सोमवार को आयोजित एक गरिमामय समारोह में राज्यपाल श्रीमती पटेल ने दोनों पुस्तकों का विमोचन किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि यह मुहिम रुकेगी नहीं, क्योंकि प्रयास करने पर ही नवाचारों को प्रतिबिम्ब मिलते हैं। इस अवसर पर प्रदेश भर से नवाचार सहयोगियों ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि राज्यपाल के निर्देश पर चलाए जा रहे नवाचारों ने तमाम लोगों की जिंदगियों में खुशहाली ला दी है। राज्यपाल आनंदीबेन ने पुस्तकों के विमोचन के बाद नवाचारों की चर्चा करते हुए बताया कि 16 जुलाई को प्रदेश की शिक्षण संस्थाओं में 5 हजार पीपल के पौधों का रोपण किया जाएगा। महात्मा गांधी जन्म शताब्दी वर्ष के अन्तर्गत 2 अक्टूबर को प्रदेश के उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में पढ़ने वाले एक लाख बच्चे महात्मा गांधी की आत्मकथा का पाठन करेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन के साथ मानवीय पहलुओं का ध्यान उल्लेखनीय और उत्कृष्ट कार्यों का आधार बन जाता है। टीबी रोग मुक्त मध्यप्रदेश बनाने के संकल्प को पूरा करने के विचार के दौरान ही क्षय रोगी बच्चों की उपचार में मदद का नवाचार हुआ। इस पहल से 7 हजार बच्चों को उपचार में मदद मिली। जागरूकता के प्रयासों का उल्लेख करते हुये बच्चों महिलाओं को पुलिस थाने की कार्य प्रणाली और व्यवस्थाओं से परिचित कराने की पहल की जानकारी दी। श्रीमती पटेल ने कहा कि स्वस्थ समाज के लिए बेटियों का स्वस्थ होना जरूरी है। इससे बच्चों में जन्म से कुपोषण की समस्या का समाधान होगा। उन्होंने बताया कि बेटियों के स्वास्थ के लिए प्रदेश में हिमोग्लोबिन टेस्ट का अभियान चलाया गया है। उन्होंने पढे़ भोपाल, राजभवन के दरवाजे आमजन के लिए खोलने और शासकीय विद्यालयों को सर्वसुविधा सम्पन्न बनाने, जरूरतमंद विद्यालयों और बच्चों के लिए पुस्तक संग्रहण करने को चार बड़े नवाचार बताते हुए उनकी सफलता में सहयोगी संस्थाओं और व्यक्तियों का आभार ज्ञापित किया।
आयुक्त लोकशिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत ने राज्यपाल द्वारा शासकीय विद्यालयों के उन्नयन और रचनात्मक गतिविधियों में दिये जा रहे सहयोग की जानकारी दी। आस्था ग्राम ट्रस्ट की मेजर डा. अनुराधा ने राज्यपाल के ट्रस्ट भ्रमण की स्मृतियों का स्मरण किया। पचमढ़ी केन्टोमेंट बोर्ड के कर्नल विजय तोमर ने बताया कि राज्यपाल ने पचमढ़ी की जनता को सदभाव के नये सूत्र में पिरो दिया है। कुम्हारपुरा राजभवन विद्यालय की प्राचार्य ने बताया कि राज्यपाल के सहयोग ने विद्यालय का कायाकल्प कर दिया। सेवानिवृत्त वनसंरक्षक पाठक ने राज्यपाल के द्वारा बान्धवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के प्रबंधन को दिशा और दशा में किए गए सहयोग का उल्लेख किया। दिल्ली पब्लिक स्कूल की प्राचार्य श्रीमती वंदना घूपड़ ने कहा कि राज्यपाल का निस्वार्थ प्रेम और कार्य के प्रति समर्पण ने शिक्षक जगत को प्रेरित किया है। डा. मनोज वर्मा ने बताया कि राज्यपाल ने क्षय रोग उन्मूलन प्रयासों को नई गति और प्रेरणा दी है। जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी के डा चन्द्रेश शुक्ला ने बताया कि हमारी सोच जहां जाकर रूक जाती है राज्यपाल की सोच वही से शुरू होती है। राजभवन के विधि अधिकारी पी. महेश्वरी ने राज्यपाल के नवाचारों और कर्मचारी कल्याण के कार्यों की जानकारी दी। आभार प्रदर्शन राजभवन के सचिव मनोहर दुबे ने किया। कार्यक्रम का संचालन विनय उपाध्याय ने किया।