चुनावी सियासत में शेयर बाजार का तड़का, राहुल ने पीएम पर लगाए आरोप

Jun 06, 2024

खरी खरी संवाददाता

नई दिल्ली, 6 जून। देश की राजनीति में यह संभवतः पहला मौका है जब चुनाव के ठीक बाद विपक्ष और पक्ष में शेयर बाजार को लेकर घमासान मचा है। विपक्ष के नेता कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि चुनाव के समय और एक्जिट पोल के ठीक पहले प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और गृह मंत्री ने बार-बार शेयर बाजार में उछाल आने का दावा करके निवेशकों को प्रलोभन दिया, जबकि उन्हें पता था कि ऐसा नहीं होने जा रहा है। इससे छोटे निवेशकों के तीस लाख करोड़ डूब गए और कुछ चुनिंदा लोगों को करोड़ों का फायदा हो गया। राहुल गांधी ने इसे बड़ा घोटाला बताते हुए पूरे मामले की संयुक्त संसदीय दल (जेपीसी) से जांच कराए जाने की मांग की है। वहीं सत्ता पक्ष ने राहुल गांधी के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि मोदी सरकार के दस साल के कार्यकाल में भारत का मार्केट कैप 400 लाख करोड़ के ऊपर चला गया है। भाजपा नेता और निवृत्तमान सरकार में मंत्री पियूष गोयल ने कहा कि एक बार फिर मोदी सरकार बनने से राहुल गांधी परेशान हैं, इसलिए देश के निवेशकों को हतोत्साहित करने वाले आरोप लगा रहे हैं।

पीएम की टिप्पणी से निवेशकों के पैसे डूबे

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रेस  कांफ्रेंस में आरोप लगाया कि, "चुनाव के समय प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री ने स्टॉक मार्केट पर टिप्पणी की। प्रधानमंत्री ने तीन-चार बार देश को कहा कि स्टॉक मार्केट तेजी से आगे बढ़ने जा रहा है और स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए कहा।" राहुल गांधी ने दावा किया है कि शेयर बाजार पर सरकार की ओर से की गई टिप्पणी से लाखों खुदरा निवेशकों का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि इससे निवेशकों को 30 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि यह शेयर बाजार का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है। इसकी संसदीय समिति से जांच कराई जानी चाहिए। राहुल गांधी ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने देश की जनता को निवेश की सलाह क्यों दी? क्यों गृह मंत्री ने उन्हें स्टॉक खरीदने का आदेश दिया? दोनों जो इंटरव्यू किए गए। ये अदाणी जी के चैनल को दिए गए। उन पर पहले ही सेबी की जांच बैठी है तो उस पर जांच होनी चाहिए। मोदीजी के ये जो फेक इन्वेस्टर हैं और जो विदेशी निवेशक हैं। इनके बीच क्या रिश्ता है और अगर रिश्ता है तो इसकी जांच होनी चाहिए। इसे लेकर हमारे पास सवाल हैं।

जेपीसी से जांच की मांग

राहुल गांधी ने कहा कि हम इस घोटाले को लेकर जेपीसी की मांग करते हैं। इस पूरे मामले में निवेशकों ने करोड़ों गंवाए हैं। यह एक आपराधिक कार्य था। रायबरेली व वायनाड से विजयी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, "पहली बार हमने यह नोट किया कि चुनाव के समय प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री ने शेयर बाज़ार पर टिप्पणी दी। प्रधानमंत्री ने दो-चार बार कहा कि शेयर बाज़ार तेज़ी से बढ़ने जा रही है... उनके मैसेज को वित्त मंत्री और गृह मंत्री ने भी आगे बढ़ाया। अमित शाह कहते हैं 4 चार जून से पहले शेयर खरीदें। प्रधानमंत्री ने भी यही कहा और 28 मई को फिर से दोहराया... 3 जून को शेयर बाज़ार सारे रिकॉर्ड तोड़ देता है और 4 जून को शेयर बाजार नीचे चला जाता है।" कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, "भाजपा के सबसे बड़े नेताओं ने रिटेल इंवेस्टर को मैसेज दिया है... उनके पास जानकारी थी कि भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने वाला है, वे जानते थे की 3-4 जून को क्या होने वाला है... 30 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है और हजारों-लाखों करोड़ रुपए का चुने हुए लोगों को फायदा हुआ है, हम प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, जिन्होंने एग्जिट पोल किया उनपर और विदेशी निवेशकों पर जांच चाहते हैं।"

भाजपा का पलटवार

राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता औऱ निवृत्तमान सरकार में मंत्री पियूष गोयल ने कहा कि एक बार फिर मोदी सरकार बन रही है इस बात से राहुल गांधी बहुत परेशान नजर आ रहे हैं। ऐसे में वे अपने बयान से निवेशकों को हतोत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं। गोयल ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था की उपलब्धि साधारण उपलब्धि नहीं है। पूरा विश्व इसे गंभीरता से देख रहा है और समझ रहा है। भारत का विकास पीएम मोदी के नेतृत्व में होने जा रहा है। इक्विटी मार्केट में चुनाव के हिसाब से अलग अलग तरीके से बदलाव होते रहते हैं।

मार्केट कैप 400 लाख करोड़ हुआ

 गोयल ने कहा कि दुनिया भर में इस तरह से इक्विटी मार्केट चलती है। देखना यह है कि लंबे अरसे में इक्विटी मार्केट में क्या हुआ है। देश के निवेशक जानते हैं कि पिछले दस वर्ष के सफलतापूर्वक मोदी सरकार के कार्यकाल में हमारा मार्केट कैप पहली बार 400 लाख करोड़ का कीर्तिमान हासिल किया है। पीएसयू का मार्केट कैप भी चार गुना मोदी सरकार के कार्यकाल में बढ़ा है। यूपीए काल में भारत का मार्केट कैप मात्र 67 लाख करोड़ रुपये था। आज यह बढ़कर 415 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह 348 लाख करोड़ रुपये की बढ़त पिछले दस वर्षों में हुई है।" गोयल ने कहा, " पिछले 60 वर्षों में भारतीय बाजार ने जो मार्केट कैप हासिल किया उससे पांच गुना मोदी सरकार के कार्यकाल में हासिल किया गया। इसका सबसे बड़ा लाभ भारतीय निवेशकों विशेषकर खुदरा निवेशकों को इसका लाभ हुआ। आज वो सिर्फ मार्केट को दूर से नहीं देखते। आज वो निवेश करने उसका सीधा लाभ लेते हैं। एफपीआई की होल्डिंग यूपीए काल में 21% थी वो आज घटकर 16% हो गई है। विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी कम हुई है और भारतीय निवेशकों की बढ़ी है। यह 79 प्रतिशत से बढ़कर 84% हो गई है।"