रेप के दोषी आसाराम को जिंदगी भर की जेल

Apr 25, 2018

जोधपुर, 25 अप्रैल। विश्वविख्यात धर्मगुरु संत आसाराम बापू को जोधपुर की अदालत ने नाबालिग से ब्लात्कार के मामले में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आसाराम के दो सहयोगियों शिल्पी और शरत चंद्र को भी अदालत ने दोषी माना और दोनों को 20-20 साल की सजा सुनाई है। दो अन्य आरोपियों प्रकाश और शिवा को अदालत ने बरी कर दिया। आसाराम के लिए जेल में ही अदालत लगाई गई थी और जेल के बाहर तथा पूरे जोधपुर तथा राजस्थान में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
लगभग 77 साल के आसाराम बापू पर आरोप था कि जोधपुर के निकट मनाई आश्रम में साल 2013 में उन्होंने 16 साल की लड़की का रेप किया था। लड़की के माता-पिता आसाराम के भक्त थे। लडकी आसाराम के छिंदवाड़ा मप्र स्थित आश्रम के स्कूल में छात्रा थी। एक दिन आश्रम के स्कूल में जब लड़की गिर गई थी तो माता-पिता आश्रम के अधिकारियों की सलाह पर इलाज के लिए आसाराम के जोधपुर स्थित मनाई आश्रम लेकर गए थे। पुलिस के मुताबिक लड़की के माता-पिता से कहा गया था कि लड़की पर भूत-प्रेत का साया है और उसका इलाज बाबा ही कर सकते हैं। पुलिस के मुताबिक जब लड़की जोधपुर के मनई आश्रम में पहुंची तो वहीं आसाराम ने उसके साथ बलात्कार किया था। लड़की ने इसकी शिकायत 20 अगस्त को दिल्ली के एक पुलिस स्टेशन में की थी। उसके बाद इस मामले को जोधपुर शिफ़्ट कर दिया गया और एफ़आईआर दर्ज की गई। उसके बाद आसाराम को इंदौर में गिरफ़्तार किया गया। गिरफ़्तारी के बाद आसाराम के समर्थकों ने भारी हंगामा और प्रदर्शन किया था। गिरफ़्तारी के बाद आसाराम की मर्दानगी का टेस्ट हुआ था जिसमें वो सफल पाए गए थे और फिर 2 सितंबर 2013 को उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उसके बाद से ही वो जेल में हैं। आसाराम की तरफ़ से अब तक 12 ज़मानत याचिकाएं दायर की गई थीं जिनमें से एक को भी स्वीकार नहीं किया गया। जोधपुर पुलिस ने मामले में नवंबर 2013 में आसाराम और चार अन्य लोगों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल की थी। साल 2014 में जब से इस मामले की अदालत में सुनवाई शुरू हुई तो कई गवाहों पर आसाराम के समर्थकों ने हमले किए। आसाराम के निजी सहायक अमृत प्रजापति की मई 2014 में गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनके आश्रम में रसोइये का काम करने वाले अखिल गुप्ता की 2015 में मुज़फ़्फ़रनगर में हत्या कर दी गई। बलात्कार कांड के गवाह माने जानेवाले राहुल सचान को जोधपुर कोर्ट परिसर में चाकू मारा गया, बाद में वो लापता हो गए।  मामले के एक अन्य गवाह महेंद्र चावला को भी गोली मारी गई थी। कुल मिलाकर मामले के नौ गवाहों पर अब तक हमले हुए हैं जिनमें एक पत्रकार भी शामिल हैं।  इनमें से तीन की मौत हो गई जबकि एक लापता हैं।  अदालत ने दो अन्य आरोपियों शिल्पी और शरतचंद्र को 20-20 साल की सज़ा सुनाई है। शरतचंद्र छिंदवाड़ा आश्रम के डायरेक्टर थे जहां नाबालिग लड़की पढ़ाई करती थी और शिल्पी छिंदवाड़ा आश्रम की वॉर्डन थीं। आसाराम के आश्रम के रसोइए प्रकाश और आसाराम के निजी सचिव रहे शिवा को बरी कर दिया गया। प्रकाश के वकील राजेंद्र चौधरी ने मीडिया को बताया कि आसाराम बापू को धारा 376 के तहत दोषी पाया गया है और उन्हें ताउम्र जेल में रहने की सज़ा सुनाई गई है। इस मामले में दलीलें पहले ही ख़त्म हो चुकी थीं और बुधवार को सज़ा पर बहस हुई जिसके बाद अदालत ने सज़ा सुनाई।