मैच जितवाकर नाटआउट रहे सलामी बल्लेबाज शिवराज
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 23 दिसंबर। प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव कोई अमिट छाप नहीं छोड़ पाया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अकेले ही सलामी बल्लेबाज की तरह बेहतरीन बैटिंग करते हुए विपक्ष के सारे हमलों को नाकाम कर दिया। शिवराज सिंह चौहान सलामी बल्लेबाज के रूप में उतरे और मैच जीतकर भी नाटआउट बने रहे।
शिवराज सिंह चौहान के करीब 18 साल के कार्यकाल का दूसरा अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह जब अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी में जुटे थे तब उन्हें इस बात का ध्यान नहीं रहा होगा कि उनकी पार्टी के लोग अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार के खिलाफ दमदारी के साथ नहीं खड़े होंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस दमदारी के साथ अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार किया था उससे ही लग रहा था कि इस अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सत्तारूढ़ दल एक नजीर पेश कर सकता है। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान वरिष्ठ नेता कमलनाथ का सदन से गैरहाजिर रहना यह संकेत दे गया कि कांग्रेस कुछ भी कर ले शिवराज को चुनौती देना बहुत बड़ी चुनौती है। इसके बावजूद शिवराज सिंह चौहान का अपना स्टाइल था। अविश्वास प्रस्ताव के आरोपों की कमजोरी और कमलनाथ जैसे नेता कि सदन में गैर मौजूदगी और बहुत हालत सही ढंग से लगाए जा रहे आरोपों के बावजूद पूरी तैयारी के साथ आए और पूरी तैयारी के साथ उन्होंने जवाब दिया। यह पहला मौका था जब सीएम चौहान को एक नए अंदाज में देखने का मौका मिला। उन्होंने विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दूसरे दिन अपना जवाब दिया। कांग्रेस को घेरने की कोशिश की और साथ ही कांग्रेस के तमाम विधायकों को टोकने के बाद उन्हें बोलने का मौका दिया। किसी ने बीच में टोका तो सीएम ने सुना और सुनने के बाद उसका जवाब दिया। उन्हें कई बार अपनी सीट पर बैठते हुए देखा गया। सदन में परंपरा होती है कि जब भी अविश्वास प्रस्ताव जैसे मुद्दे पर मुख्यमंत्री अपना जवाब देते हैं तो वह धाराप्रवाह बात करते हैं। विपक्ष की टोका टाकी पर मुख्यमंत्री रुकते नहीं है जब तक कि स्पष्ट निर्देश स्पीकर की तरफ से ना दिया जाए.. लेकिन आज अलग नजारा दिखाई पड़ा। दो दिन की चर्चा का जवाब देने के लिए खड़े हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरी तैयारी के साथ थे। इसके बावजूद उन्होंने विपक्षी टोका टाकी को मंजूर किया। कई बार ऐसा मौका आया जब विपक्ष के आरोपों के बीच उन्होंने उनको मौका दिया और अपनी कुर्सी पर बैठ गए। साफ लग रहा था कि कि शिवराज सिंह चौहान तय करके आए हैं उन्हें सलामी बल्लेबाज की तरह मैदान में उतरना है और मैच जीतने तक रहना है। ऐसे में विपक्ष के सभी हमलों को करारा जवाब भी देना है। उनकी दमदार बल्लेबाजी के कारण सरकार को एक्सपोज करने के लिए लाया गया अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष को एक्सपोज कर गया। सलामी बल्लेबाज तो नाटआउट रहा।