मालवा में बाढ़ के बाद सरदार सरोवर बांध को लेकर नई बहस छिड़ी

Sep 17, 2019

खरी खरी डेस्क

भोपाल, 17 सितंबर। मध्यप्रदेश के मालवा अंचल में बाढ़ से हुई तबाही के बाद देश के सबसे सरदार सरोवर बांध को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। मध्यप्रदेश ने विस्थापन और पुनर्वास का काम पूरा होने से पहले बांध को फुल भरने की शिकायत करते हुए इसके लिए गुजरात पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मध्यप्रदेश का आरोप है कि गुजरात ने बांध भरने के लिए नर्मदा कंट्रोल अथारिटी के निर्देशों का पालन नहीं किया। इसलिए धार और बड़वानी जिलों में लोगों को विपदा का सामना करना पड़ा।

भारत के इस सबसे बड़े डैम को बनाने की पहल आजादी से भी पहले हुई थी लेकिन पूरा हुआ 2017 में। सरदार सरोवर बांध को बनाने की पहल आजादी से पहले ही हो गई थी। 1945 में सरदार पटेल ने इसके लिए पहल की थी। 5 अप्रैल 1961 को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इसकी नींव रखी लेकिन तमाम वजहों से यह प्रॉजेक्ट लटका रहा। 1987 में इसका निर्माण शुरू हुआ लेकिन 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने लोगों के विस्थापन को लेकर इसके निर्माण पर रोक लगा दी। 2000-2001 में शीर्ष अदालत ने इसे बनाने की सशर्त अनुमति दे दी और ऊंचाई को घटाकर 110.64 मीटर करने का आदेश दिया। 2006 में डैम की ऊंचाई को बढ़ाकर 121.92 मीटर और 2017 में 138.90 मीटर करने की इजाजत मिल गई। सरदार सरोवर डैम को पूरा होने में करीब 56 साल लगे। 17 सितंबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे देश को समर्पित किया। सरदार सरोवर डैम की ऊंचाई 138 मीटर है जो देश में बना सबसे ऊंचा बांध है। इसका शुरुआती बजट 93 करोड़ रुपये रखा गया था लेकिन इसे बनाने में 65 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए। इसे बनाने में 86.20 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट का इस्तेमाल हुआ। बांध में कुल 30 दरवाजे हैं और हर दरवाजे का वजन 450 टन है। डैम की वॉटर स्टोरेज कपैसिटी 47.3 लाख क्यूबिक लीटर है। सरदार सरोवर बांध से 4 राज्यों गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान को फायदा पहुंचता है। इससे 18.45 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई का लाभ पहुंचता है। सिंचाई की बात करें तो इससे सबसे अधिक फायदा गुजरात को है। यहां के 15 जिलों के 3137 गांवों के 18.45 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकती है। बिजली का सबसे अधिक 57 प्रतिशत हिस्सा मध्य प्रदेश को मिला है। महाराष्ट्र को 27 प्रतिशत, जबकि गुजरात को 16 प्रतिशत बिजली मिल रहा है। राजस्थान को सिर्फ पानी मिलेगा। सरदार सरोवर बांध सिर्फ देश का सबसे बड़ा बांध है बल्कि सबसे विवादित भी। पर्यावरण और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने 1980 के दशक से ही इसके खिलाफ आंदोलन चलाया। यही वजह रही कि सुप्रीम कोर्ट ने 1995 में इसके निर्माण पर रोक लगा दी थी। सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने इसके खिलाफ बहुचर्चित नर्मदा बचाओ आंदोलन का नेतृत्व किया।