बच्चों की पसंद बना रेल की खराब बोगियों में लगने वाला स्कूल
खरी खरी डेस्क
भोपाल। गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर करुणाधाम आश्रम में बहुचर्चित नाटक तोतो चान का मंचन किया गया। विहान ड्रामा वर्क्स के बैनर तले सौरभ अनंत द्वारा निर्देशित इस नाटक के भोपाल में ही कई शो हो चुके हैं, लेकिन यह नाटक अपने अनूठे विषय के कारण हर बार नया लगता है।
नाटक की कहानी छोटी बच्ची तोत्तो से शुरू होती है, जो जिज्ञासाओं से भरी और नई खुश मिजाज है। पहली कक्षा में पढ़ने वाली इस बच्ची को स्कूल से इसलिए निकाल दिया जाता है क्योंकि वह हमेशा खिड़की के बाहर झांकती थी और पशु-पक्षियों से बातें करती थी। जिसके बाद तोतो की मां ने उसका एडमीशन तोमोए में एक नए तरह के स्कूल में कराया। यह स्कूल रेल की खराब पड़ी बोगी में और प्रकृति की गोद में लगता है। इस स्कूल के हेडमास्टर बच्चों के मन को समझकर उन्हें प्रकृति के बारे में सिखाते और समझाते हुए स्कूल की पढ़ाई कराते हैं। पहाड़, नदियां, जंगल और बगीचों में इस स्कूल की कक्षाएं लगती थी। इस स्कूल में बच्चों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ ही उनको अपने विचार रखने की स्वतंत्रता भी देते हैं। इस स्कूल में हर बात नाच-गाकर लय-ताल के साथ बताई जाती है। बच्चों को प्रकृति के जरिए सिखाते हुए यह स्कूल दुनियाभर में बाल शिक्षा की मिसाल बन जाता है। डायरेक्टर सौरभ अनंत ने बताया कि टेटसुको कुरोयानगी द्वारा लिखित नाटक में बाल शिक्षा के परंपरागत विचारों व पढ़ाने के नए तरीकों को शामिल किया गया है। इसकी कहानी बताती है कि बच्चों को स्कूल की ओर कैसे आकर्षित किया जाए और फिर जटिल से जटिल विषय को विद्यार्थियों के लिए कैसे रोचक बनाया जा सकता है।