पीसिज: बारह कहानियों को जोड़कर बन गया एक सोलो नाटक

Nov 30, 2019

 कला संवाददाता

भोपाल, 30 नवंबर। बहुकला केंद्र भारत भवन में चल रहे दिग्गज रचनाकारों की कहानियों के नाट्यरूपांतरण के नाट्य समारोह नाट्यरूप में शुक्रवार को कोलकाता की रिख एवं पदातिक संस्था द्वारा अंग्रेजी नाटक पीसिज का मंचन किया गया। विनय शर्मा के निर्देशन में मंचित यह नाटक सोलो शो है, जिसमें एक महिला कलाकार मंच पर सारे किरदार निभाती है। वह पूरे समय पुरुष पात्र की मौजजूगी का अहसास करते हुए महिला की वि‍भिन्न भूमिकाएं निभाती हैं।

नाटक के निर्देशक विनय शर्मा ने नाटक के दृश्यों को बहुत सहजता के साथ गढ़ा है। नाटक के किसी भी सीन में पुरुष नहीं है, लेकिन हर सीन में पुरुष के होने का अहसास होता है। कभी लाइट के माध्यम से तो कभी रंगों के माध्यम से मंच पर पुरुष की मौजूदगी झलकती है। सोलो एक्टिंग कर रही एक्ट्रेस अनुभा फतेहपुरिया पूरे समय उस गैर मोजूद पुरुष पात्र से बात करती हैं। इसी के चलते वे 12 कड़ियों के इस नाटक से दर्शकों को पूरे 70 मिनट से तक जोड़े रखती है। नाटक पीसिज किसी एक कहानी पर आधारित नहीं है, बल्कि 12 अलग-अलग लेखकों की कहानियों के महिला प्रधान सीनों को मिलाकर गढ़ा गया नाटक है। इन लेखकों में दुनिया के मशहूर लेखक एंथेन चैकव, लौरा एम विलियम्स, हरमन आदि भी शामिल हैं। यही वजह है कि इसका नाम पीसिज रखा गया है। नाटक में एक एक्ट्रेस को दिख्राया गया है, जो ग्रीन रूम में किसी से बात करती है। उसके बाद वह मंच पर आती है। वह इस पुरुष प्रधान समाज में जब अकेली होती है, तब भी पुरुष का अहसास करती है और उससे बातचीत करती है। नाटक में यह नायिका एक लड़की से लेकर प्रेमिका सहित सभी रोलों में दिखती है। वह औरत के जीवन के कई अहम हिस्सों को अपने अभिनय के जरिए प्रदर्शित करती है। खास बात यह है कि यहां पर निर्देशक ने यह भी दिखाने का प्रयास किया कि 17वीं सदी के लेखकों ने वेस्टर्न की एडवांस एक्ट्रेस के जीवन में जिन परेशानियों को दिखाया, वह आज भी थोड़े बहुत बदलाव के साथ एक महिला के जीवन में मौजूद हैं।