पीएम मोदी का इस्तीफा, नई कैबिनेट के नामों पर अटकलें तेज

May 24, 2019

खरी खरी डेस्क

नई दिल्ली, 24 मई। लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपना और अपनी कैबिनेट का इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने इस्तीफा मंजूर करते हुए नई सरकार के गठन तक नरेंद्र मोदी से प्रधानमंत्री पद संभालने को कहा है। वर्तमान कैबिनेट के इस्तीफे के साथ ही नई कैबिनेट के गठन की चर्चा शुरू हो गई है। नई कैबिनेट के नामों पर अटकलें तेज हो गई हैं।

देश की जनता ने बीजेपी को ऐतिहासिक जनादेश दिया है। पार्टी ने रिकार्ड तोड़ 303 सीटें जीती हैं। कैबिनेट की आखिरी बैठक में सोलहवीं लोकसभा भंग करने की सिफारिश की गई। सिफारिश राष्ट्रपति को भेजने के साथ ही कैबिनेट का इस्तीफा भी भेज दिया गया। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, मेनका गांधी, पीयूष गोयल, प्रकाश जावड़ेकर आदि शामिल हुए। तबीयत ठीक नहीं होने के कारण अरुण जेटली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में भी नहीं पहुंचे। अब चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि 17वीं लोकसभा में नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट किसे कौन सा पोर्टफोलियो मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री अरुण जेटली दोबारा वित्त मंत्रालय का कार्यभार नहीं लेंगे। इसकी वजह उनकी सेहत ठीक न होने को बताया जा रहा है। अगर जेटली पद स्वीकार नहीं करते हैं तो केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय या दोनों मंत्रालयों का प्रभार दिया जा सकता है।  अटकलें हैं कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जा सकती है। दरअसल, रक्षा मंत्री का पद बीजेपी सरकार के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस चुनाव में भारतीय सेना और पाकिस्तान में घुसकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की काफी चर्चा हुई थी। ऐसे में सरकार एक मजबूत रक्षा मंत्री के तौर पर शाह को यह अहम पद दे सकती है। शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी अमृतसर से, पर्यटन मंत्री केजे अल्फोंस ऐरनाकुलम और दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा गाजीपुर से चुनाव हार गए हैं। इससे पहले अरुण जेटली एक समय वित्त और कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्टर की जिम्मेदारी के साथ रक्षा मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। इसके बाद उन्होंने वित्त मंत्रालय पर फोकस करने के लिए रक्षा मंत्रालय का कार्यभार निर्मला सीतारमण को दे दिया था। वैसे किस सांसद को कौन सा मंत्रालय दिया जाए, इस पर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेना है। संभावना जताई जा रही है कि कैबिनेट में कई युवा चेहरों को जगह मिल सकती है। इस दौरान एनडीए के सहयोगी दलों को भी अहम पद दिए जा सकते हैं।