पापा मुझे मत मारो... नाटक की कहानी ने झकझोर दिया

Feb 01, 2019

सुमन त्रिपाठी

भोपाल। किसी मानसिक रोगी की मनोदशा और उस परिवार की वेदना को शायद ही कोई समझ सके। वह भी बेहद गरीबी में बसर करने वाला परिवार। संवेदनहीन होता समाज, जिसमें किसी की कोई भी परेशानी से किसी तरह का सरोकार नहीं। इन स्थितियों को देखकर लगता है हमारा पूरा का पूरा समाज संवेदनहीन हो चुका है, मानसिक पंगु। ऐसी ही वास्तविक कहानी पर आधारित नाटक ‘पापा मुझे मत मारो’ का मंचन शहीद भवन के सभागार में बिशना चौहान के निर्देशन में किया गया। इस नाटक को लिखा भी बिशना चौहान ने है। 

नाटक की कहानी-

यह कहानी एक 20-22 वर्षीय मानसिक रोगी युवती और उसके परिवार के आस-पास घूमती है। कहानी के अनुसार यह युवती बेहद खूबसूरत है, जिसके लम्बे बाल उसकी खूबसूरती पर चांद लगाते हैं। आए दिन उसका मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है। पहले परिवारजनों को लगा कि शायद मिर्गी के दौरे पड़ते हैं लेकिन डाक्टरों को दिखाने पर पता चला कि वह मानसिक रोगी है। आए दिन वह घर से गायब हो जाती है। जब वह अच्छी होती है तब लगता ही नहीं कि यह परेशानी भी है। घर का सारा काम सुघड़ता से करती है। अपनी मां से लाल कपड़े पहनने की बात करती है। मां उसे बताती है कि लाल कपड़े कब पहनते हैं, वह दुल्हन बनने का सपना भी अन्य युवतियों की तरह देखती है। अपनी मां की गोद में लेट लोरी सुनाने की गुहार करती है। मां लोरी ‘एक नगर का सुन्दर राजकुमार सफेद घोड़े पर होकर सवार, आएगा एक दिन सात समन्दर पार...’ सुनाती है। परिवार मेें दादा भी हैं, पिता रिटायर हो चुके हैं और स्वयं दादा व पिता भी आए दिन बीमार रहते हैं। जिससे घर में आने वाला पूरा पैसा दवाईयों पर खर्च हो जाता है। उस युवती का दवाईयों के साथ-साथ झाड़-फूंक भी आए दिन कराई जाती है। मानसिक स्थिति अधिक खराब होने पर काबू करने के लिए पिता उसे डंडों से पीटता है तब वह युवती पड़ोस में रहने वाली एक युवती का नाम लेकर चिल्लाते हुए बचाने की गुहार लगाती है। ऐसे ही समय बीतता है और होली पर पुन: उस युवती की स्थिति खराब हो जाती है जिस पर मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान हो चुका उसका पिता डंडे से युवती और उसकी मां यानि कि अपनी पत्नि की हत्या कर देता है। इस तरह पूरा परिवार एक ही पल में बिखर जाता है। यहां बिशना इस नाटक के एक दृश्य में सरकार से सवाल करते हुए कहती हैं कि गरीबों के लिए नीला-पीला कार्ड बना दिया जाता है, सरकार को इनकी सुध ले इनके लिए हरा या नारंगी कार्ड बनाना चाहिए।