दमोह का दंगल: गोपाल भार्गव के गले की फांस बना चुनाव
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 23 मार्च। चुनाव के दौरान अपने घर के बाहर भी नहीं जाने के बावजूद जीत हासिल करने वाले भाजपा के कद्दावर नेता गोपाल भार्गव दमोह विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रभारी बनाए गए हैं। कभी अपने पु्त्र के लिए दमोह लोकसभा क्षेत्र से टिकट मांगने वाले गोपाल भार्गव की इसी मुद्दे पर सांसद प्रह्लाद पटेल से अनबन है। गोपाल भार्गव को अनसुना कर पार्टी ने प्रहलाद पटेल को टिकट दिया और तमाम विरोधों के बाद भी वे जीते। अब गोपाल भार्गव को बचौत प्रभारी दमोह में भाजपा प्रत्याशी राहुल लोधी को जिताना होगा जिन्हें भाजपा में लाने का श्रेय प्रहलाद लोधी को है। कभी अपने चुनाव में वोट न मांगने वाले गोपाल इस नई जिम्मेदारी के चलते धर्मसंकट में फंस गए हैं। यह चुनाव उनके गले की फांस बन गया है।
कांग्रेस से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर विधायक पद से इस्तीफा देने वाले राहुल लोधी अब उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा राहुल लोधी को प्रत्याशी घोषित करने के कुछ ही दिन बाद सागर जिले के वरिष्ठ नेता, शिवराज सरकार में मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव द्वारा दमोह जाकर अपनी राजनीतिक शक्ति का बड़ा प्रदर्शन किया। मंत्री पुत्र द्वारा बिना वजह के किए गये शक्ति प्रदर्शन को भाजपा संगठन ने गंभीरता से लिया है। शक्ति प्रदर्शन क्यों करना पडा इसका राजनैतिक कारण राहुल लोधी को भाजपा मे शामिल कराने के सूत्रधार प्रहलाद पटेल और भूपेन्द्र सिंह थे, भाजपा संगठन ने दमोह विधानसभा उपचुनाव के लिए मंत्री भूपेंद्र सिंह को प्रभारी बनाया था, उनकी जगह आज भार्गव को दमोह का दामन पकड़ा दिया.....जबकि ठीक दो दिन पहले भूपेन्द्र सिंह दमोह मे डेरा जमा कर संगठन की बैठकें ले रहे थे, दमोह से जो जानकारी छनकर आ रही थी उनके अनुसार कांग्रेस अगर अजय टंडन को प्रत्याशी घोषित करती है तो मलैया और भार्गव की भूमिका भाजपा में नया संकट पैदा कर सकती है, कांग्रेस ने सधी हुई चाल चली आज अजय टंडन को प्रत्याशी घोषित कर भाजपा के सारे समीकरण फेल कर दिए...आज की तारीख में कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन की जीत सुनिश्चित है भाजपा ने तुरंत रणनीति बदली और "चोरों को चौकीदारी" की कहावत को चरितार्थ करते हुए भूपेन्द्र सिंह को वापिस बुलाकर गोपाल भार्गव को चुनाव जिताने की जिम्मेदारी सौपी....चक्रव्यूह में फंसे गोपाल भार्गव को अपने बडे राजनीतिक जीवन काल में पहली बार क्षेत्र बाहर जाकर विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाया गया है..... दमोह सांसद प्रहलाद पटेल के कट्टर प्रतिद्वंदी गोपाल भार्गव लंबे समय से अपने पुत्र अभिषेक भार्गव के लिए दमोह लोकसभा से टिकट मांगते आ रहे हैं। अब पहलाद पटेल के शिष्य राहुल लोधी को जिताने की जिम्मेदारी संगठन ने गोपाल भार्गव को सौंपी दी है। चुनावी घमासान में गोपाल भार्गव के सामने मलैया परिवार है। वही कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन है, भाजपा की रणनीति में उलझे भार्गव के समाने एक तरफ कुआं एक तरफ खाई जैसी स्थिति है। भार्गव ने अपने मंत्री पद के 16 वर्षीय कार्यकाल में अपने विधानसभा क्षेत्र से बाहर जाकर कार्य नहीं किया। इसलिए भाजपा कार्यकर्ताओं में उनकी विश्वसनीयता का बड़ा संकट होगा। इस उप चुनाव में मंत्री गोपाल भार्गव को अपना वजूद बताने का मौका भी मिला है। भाजपा संगठन के कसौटी पर भार्गव खरे उतरते हैं अथवा नहीं यह कुछ ही दिनों में सामने आ जाएगा। प्रत्याशी चयन में कांग्रेस ने फिलहाल बाजी मार ली है भाजपा बैकफुट पर है यही कारण है कि कांग्रेस प्रत्याशी का नाम घोषित होने के बाद भाजपा को चुनाव प्रभारी बदलने पर मजबूर होना पडा।