जी-20 की बैठकों से भारत की उम्मीदों पर रूस यूक्रेन युद्ध का साया

Mar 06, 2023

 खरी खरी डेस्क

नई दिल्ली, 6 मार्च। दुनिया के सबसे अमीर 19 देश और यूरोपीय संघ के महासंघ जी-20 की बैठकों की अध्यक्षता को लेकर भारत की खुशियां और उम्मीदें बहुत परवान नहीं चढ़ पाई। भारत की कोशिशें बहुत बेहतर रहीं लेकिन जी-20 की बैठकों से भारत की उम्मीदों पर रूस- यूक्रेन युद्ध का साया छाया रहा।

 भारत में जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में यूक्रेन युद्ध को लेकर तल्ख़ बयानबाज़ी छाई रही। इसी वजह से मेज़बान भारत ने कहा कि सदस्य देशों के बीच मतभेदों के कारण कोई साझा बयान जारी नहीं होगा। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि ये बैठक 'रूस के बिना उकसावे वाले अतार्किक युद्ध' के कारण बाधित हुई है।

वहीं, रूस के विदेश मंत्री ने पश्चिमी देशों पर 'ब्लैकमेल करने और धमकियाँ देने' का इल्ज़ाम लगाया है। जी-20 के विदेश मंत्रियों की बातचीत के दौरान भारत ये चाहता था कि चर्चा उन मुद्दों पर हो, जो विकासशील देशों को प्रभावित कर रही हैं। लेकिन, भारत ने कहा कि यूक्रेन को लेकर मतभेद 'ख़त्म नहीं किए जा सके।' भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "हमने कोशिश तो की, लेकिन देशों के बीच फ़ासले बहुत अधिक थे।"

इस संगठन के सदस्य मिलकर दुनिया के 85 फ़ीसदी आर्थिक उत्पाद बनाते हैं और इनकी आबादी दो तिहाई है।इस समूह के विदेश मंत्री, जिनमें रूस के सर्गेई लावरोफ़, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और चीन के विदेश मंत्री किन गांग, भारत की अध्यक्षता में दिल्ली में मिले थे। एक साल पहले यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिका और रूस के विदेश मंत्रियों की ये पहली आमने-सामने की मुलाक़ात थी। एंटनी ब्लिंकन और लावरोफ़ क़रीब 10 मिनट अलग से भी मिले थे। भारत की ओर से तमाम कोशिशें की गईं लेकिन युद्ध का साए ने उम्मीदों को बहुत परवान नहीं चढने दिया।