इंदौर में 36 लोगों की जलसमाधि वाले बाबड़ी हादसे के लिए मंदिर तथा निगम प्रबंधन जिम्मेदार

Jan 06, 2024

खरी खरी संवाददाता

इंदौर, 6 जनवरी। पिछले साल रामनवमी के मौके पर 36 लोगों की जल समाधि वाले इंदौर के बेलेश्वर मंदिर बाबड़ी हादसे के लिए मंदिर तथा नगर निगम प्रबंधन को जिम्मेदार माना गया है। हादसे के करीब 9 महीने बाद आई मजिस्ट्रीयल जांच रिपोर्ट में यह निष्कर्ष है। करीब 22 पन्नो की रिपोर्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुत की गई है। मंदिर के ट्रस्टियों ने हवन स्थल के नीचे बाबड़ी होने की बात हमेशा छुपाई तथा नगर निगम यह बात जानते हुए अनजान बना रहा। यही 36 लोगों की मौत वाले इस हादसे का मुख्य कारण बना।

इंदौर शहर के पटेल नगर इलाके में बगीचे में बने बेलेश्वर मंदिर में 30 मार्च 2022 को रामनवमी के अवसर पर हवन पूजन का आयोजन किया गया था। हवन कुंड जहां बना था, वह एक पुरानी बाबड़ी को स्लैब से ढांककर तैयार की गई जगह थी। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को इस बात की जानकारी नहीं थी। इसलिए लोग वहां काफी संख्या में जमा हो गए। भीड़ का दबाव बढने तथा हवन कुंड की गर्मी से स्लैब धसक गया और तमाम लोग पानी से भरी बाबड़ी में गिर गए। हादसे के बाद पता लगा की पुरानी बाबड़ी को ढांककर मंदिर बनाया गया था। राहत एवं बचाव कार्य करीब 24 घंटे चला। बाबड़ी को मोटर लगाकर खाली किया गया। इसके बाद भी 36 लोगों की जान नही बचाई जा सकी। तत्तकालीन मुख्यमंत्री ने घटना की मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दिए थे। करीब 9 महीने बाद हाईकोर्ट को सौंपी गई 22 पन्नों की नौ बिंदुओं वाली जांच रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि मंदिर के ट्रस्टियों बावड़ी की सारी जानकारी होने के बाद भी उस पर मंदिर तथा हवन कुंड बनाया गया तथा लोगों की भीड़ जुटाई गई। हादसे के बाद पुलिस ने मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली सबनानी के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी। मजिस्ट्रियल कमेटी ने ट्रस्ट के दोनों पदाधिकारियों के साथ ही नगर निगम के जोनल अधिकारियों, बचाव में लगी टीमों के अधिकारियों के साथ नगर व ग्राम निवेश विभाग के अधिकारियों, हादसे में घायल और मृतक के परिवार के लोगों के साथ पटेल नगर के रहवासी परिवारों के बयान भी दर्ज कर जांच आगे बढ़ाई। इस दौरान राजस्व से लेकर नगर निगम के भू-रिकार्ड का भी अवलोकन किया। इसमें पता चला कि नगर निगम कई बार बगीचे में हो रहे अवैध मंदिर निर्माण के विरुद्ध मंदिर ट्रस्ट को नोटिस जारी कर चुका था। हालांकि इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की।

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