आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर भाजपा देशव्यापी अभियान चलाएगी
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली, 24 जून। केंद्र सहित कई राज्यों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी इस बार लोकसभा में सशक्त विपक्ष के रूप में चुनकर आई कांग्रेस के खिलाफ आपातकाल के मुद्दे पर देश व्यापी अभियान शुरू करेगी। ‘लोकतंत्र के काले दिन’ नाम से यह अभियान आपातकाल के पचास साल पूरे होने पर 25 जून से शुरू होगा। मुख्य आयोजन दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय मुख्यालय में आयोजित किया जाएगा। इसे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा संबोधित करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी ने एक बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि यह अभियान कांग्रेस की तानाशाही और उसकी संविधान के प्रति सोच को पर्दाफाश करेगा। बलूनी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 352 के अनुसार, राष्ट्रपति देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा (चाहे वह युद्ध या बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह से हो) होने पर आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं, लेकिन कांग्रेस ने अपनी सत्ता बचाने के लिए देश पर आपातकास थोपा। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सामने अपनी सरकार बचाने के अलावा औऱ कोई चुनौती नहीं थी। बलूनी ने कहा कि आपातकाल भारत के महान लोकतंत्र का एक काला अध्याय है जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। देश में लोकतंत्र का गला घोंटते हुए आपातकाल लगाया गया था।
अनिल बलूनी ने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश पर आपातकाल थोप दिया था। उन्होंने कहा कि भारत के मजबूत लोकतंत्र में आपातकाल एक कभी न भूला जाने वाला काला अध्याय है। आपातकाल लागू होने के अगले 21 महीनों में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने देश के लोकतंत्र और संविधान को बंधक बना लिया था। जनता, मीडिया और विपक्ष के नेताओं पर अनगिनत अत्याचार किए गए। इस दौरान नागरिक अधिकारों को खत्म कर दिया गया और तत्कालीन सरकार के खिलाफ उठने वाली आवाजों का दमन किया गया। आज भी 25 जून 1975 के बारे में पढ़कर मन में भय उत्पन्न हो जाता है।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अठारहवीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत के अवसर पर संसद परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर लगे उस कलंक के 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया था, संविधान के हर हिस्से की धज्जियां उड़ा दी गई थीं, देश को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबा दिया गया था।