अपनों से दागदार होती बीजेपी
सुमन
चाल-चरित्र और चेहरे की बात करने वाली बीजेपी अपने ही लोगों के दागों से दागदार हो रही है। आईएसआई जासूस की भूमिका निभाने के आरोप में भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी का मुद्दा अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि भाजपा के दामन पर भ्रष्टाचार का दाग भी लग गया भाजपा के नेता और सागर के महापौर अभय दरे कमीशनखोरी का एक ऑडियो कुछ दिन पहले ही वायरल हुआ था विवाद बढ़ने पर मुख्यमंत्री ने इसकी जांच के आदेश दिए थे। जांच में नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त की जांच में कमीशनखोरी की बात करने वाला ऑडियो सही पाया गया जांच रिपोर्ट मिलते ही सरकार हरकत में आई और महापौर के खिलाफ एफआरआई के निर्देश दिए जाने के साथ ही उनके वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार छीनने के भी आदेश हो गए। यह मामला ऐसे समय पर हुआ जब भाजपा सागर में अपना महत्वाकांक्षी आयोजन रविदास महाकुंभ करने जा रही है जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुल भी शामिल हो रहे हैं। अभय दरे के खिलाफ सरकारी कार्रवाई होते ही भाजपा संगठन भी सक्रिय हो गया और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने अभय दरे को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। एफआईआई होने के बाद भाजपा भले ही अभय दरे से किनारा कर ले लेकिन सिता की दुहाई देने वाले संगठन के दामन पर दाग तो लग ही गए। वही अभय दरे हैं जिन्हें महापौर का चुनाव जिताने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दरे की ईमानदारी की दुहाई देत सागर की गलियों में घूमे थे। शायद इसीलिए इस मामले में बीजेपी के दामन पर “दाग” कुछ गहरे लग गए।
भाजपा के ही नेता आईएसआई की जासूसी के आरोप में पकड़े गए। मामला छोटे नेताओं का था इसलिए पार्टी ने उन्हें अपना मानने से ही इंकार कर दिया। जबकि वही नेता भाजपा के कार्यक्रमों में शामिल होते थे बल्कि पार्टी के बड़े नेताओं के साथ उनके फोटोग्राफ भी मिले हें। सिर्फ भाजपा ही नहीं बल्कि उसकी वैचारिकता से जुड़े हिन्दू संगठनों के पदाधिकारी भी थे। शायद यही कारण था कि वह अपने जासूसी नेटवर्क से भाजपा के नेताओं को जोड़ने में सफल रहे। आईएसआई जासूसी मामले में बीजेपी के नेताओं का नाम आने से मध्यप्रदेश भाजपा की चर्चा पूरे देश में हो गई। निश्चित ही चौथी बार मध्यप्रदेश में सरकार आने का सपना देख रही भाजपा के दामन पर बड़ा दाग लगा है।
इसी तरह मध्यप्रदेश विधानसभा में खुलेआम भाजपा विधायकों के भ्रष्टाचार के मामले उठाए गए। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया कि प्रदेश में दादागिरी, गुंडागर्दी, अड़ीबाजी जैसे काम बीजेपी के नेता ही कर रहे हैं। अजय सिंह ने भोपाल से भाजपा विधायक और राज्य सरकार में मंत्री विश्वास सारंग को भोपाल में इस तरह के अवैध काम करने वाले लोगों का सरगना बता दिया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि विधानसभा में कांग्रेस के छोटे-छोटे आरोपों पर हंगामा कर दने वाले बीजेपी के विधायक इस मुद्दे पर खामोश बैठे रहे। सिर्फ विश्वास सारंग ही नहीं भोपाल शहर से भाजपा के एक और विधायक रामेश्वर शर्मा पर भी भ्रष्टाचार और अड़ीबाजी के आरोप लगे हैं। भाजपा भले ही इन आरोपों के प्रभावित न होने का दावा करती रहे, लेकिन इससे पार्टी की बदनामी हुई है और बेदाग चरित्र की बात करने वाली बीजेपी के दामन पर “दाग” तो लग गए।
हाल ही में भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष पद से नवाजे गए इंदौर के सूरज कैरो तो कुछ दिन पहले ही नगर निगम से जुड़े घोटाले में जेल होकर भी आए हैं। यह बात अलग है कि कैरो के साथ कई अन्य नेता तथा अधिकारी भी जेल गए थे। अभी इस मामले का फैसला नहीं आया है, लेकिन पार्टी ने सूरज कैरो की ताजपोशी करके शायद यह करने की कोशिश की है कि अब उसका मूल सिद्धांत “पार्टी विथ डिफरेंस” वाला न रह कर “पार्टी विथ कन्वीनियन्ट” वाला हो गया है। इंदौर के ही दबंग नेता और विधायक रमेश मेंडोला अभी भी सुगनी देवी भूमि घोटाले में नामजद आरोपी हैं। इस मामले में अभी कोर्ट से फैसला आना शेष है।
भाजपा के कार्यकर्ता, पदाधिकारी, विधायक, मंत्री और महापौर जैसे पदों पर बैठे नेताओं के कारनामों से पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। पार्टी ऐसे लोगों से भले ही किनारा करने की कोशिश करे लेकिन उसके चाल चरित्र और चेहरा वाले सिद्धांत पर दाग तो लग ही रहे हैं। मुख्यमंत्री की सोशल इंजीनियरिंग और उनका अपना व्यवहार पार्टी को चुनाव जिता देता है। शायद इसीलिए पार्टी को लगने लगा है कि “दाग” अच्छे हैं। लेकिन दागदार दामन विधानसभा चुनाव में मुश्किल पैदा कर सकता है।