हिंदी में भी साइनबोर्ड के लिए एमपी में कानून बनेगा

Sep 15, 2017

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 14 सितंबर। मध्यप्रदेश में अब दुकानों और संस्थानों के नामपट्ट (साइनबोर्ड) हिंदी भी होना अनिवार्य होंगे। इसके लिए राज्य सरकार कानून भी बना सकती है। साथ ही प्रदेश के सभी निजी और सरकारी विश्वविद्यालयों को अपने यहां हिंदी विभाग खोलना अनिवार्य होगा।

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हिंदी दिवस के मौके पर आयोजित साहित्यकार अलंकरण समारोह में ये घोषणाएं कीं। अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय द्वारा भोपाल के समन्वय भवन में आयोजित अलंकरण समारोह में मुख्यमंत्री ने ये घोषणाएं करते हुए कहा कि हम झूठी शान के कारण अंग्रेजी को अपनाए हुए हैं। हिंदी हमारी मातृभाषा है और इसका सम्मान बनाए रखने के लिए सरकार हर संभव कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाने की अंधी दौड़ चल पड़ी है। वे अपने बच्चों को हिंदी माध्यम में पढ़ाना नहीं चाहते, लेकिन मैं हिंदी माध्यम में पढ़ा हूं और 12 साल से सीएम हूं। श्रोताओं से हंसते हुए पूछा, कौन सी कमी है बताओ?....जिन्हें आना है वे आकर मुझसे शास्त्रार्थ कर लें। मैं विदेश यात्रा के दौरान भी हिंदी ही बोलता हूं। हमें लोगों की मानसिकता बदलने की जरुरत है।

मुख्यमंत्री ने हिंदी के गजलकार दुष्यंत कुमार को याद करते हुए कहा कि ऐसे गजलकार को समर्पित संग्रहालय का निर्माण सरकार करेगी और उनकी रचनाओं को संरक्षित करने का काम करेगी। इस अवसर पर उन्होंने देश के मूर्धन्य रचनाकारों को राष्ट्रीय मैथिली शरण गुप्त सम्मान, राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान व हिन्दी भाषा सम्मानों से सम्मानित किया। सम्मान स्वरूप उन्हें दो-दो लाख रुपए की राशि, सम्मान पटि्टका, शाल एवं श्रीफल प्रदान किया गया। कार्यक्रम में अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रामदेव भारद्वाज, कुलसचिव डॉ. एसके पारे, सांसद आलोक संजर, प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव और बड़ी संख्या में हिन्दी प्रेमी उपस्थित थे।

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