शिवमय हो गया पीतांबरा माई का शहर, नए रंग में दिखे नरोत्तम मिश्रा
(दतिया से लौटकर सुमन )
भोपाल। पीतांबरा माई के दरबार के चलते मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि देश के धार्मिक शहरों में गिना जाने वाला छोटा सा शहर दतिया सात दिनों के लिए शिवमय हो गया। दतिया के स्टेडियम में आयोजित सात दिवसीय पार्थिव शिवलिंग निर्माण क़े महा आयोजन ने सात दिन के लिए शहर की फिजा ही बदल दी। संत देव प्रभाकर शास्त्री दद्दा जी के सानिध्य में हुए इस आयोजन में दतिया ही नहीं बल्कि आस-पास के तमाम जिलों तथा प्रदेश के अन्य हिस्सों से हजारों की संख्या में भक्त गण शामिल हुए। यहां तक कि कई मुस्लिम धर्मावलंबी भी कार्यक्रम में पूरे उत्साह के साथ सक्रिय दिखाई पड़े। यज्ञ के मुख्य यजमान प्रदेश सरकार के जल संसाधन, जनसंपर्क एवं संसदीय कार्य मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा सात दिन एकदम नए रंग में दिखाई दिए। सात दिन के लिए कार्यक्रम स्थल ही उनका ठिकाना बन गया था। वे सुबह से लेकर देर रात तक नंगे पैर कार्यक्रम स्थल पर घूमते हुए लोगों के साथ जुड़े रहे।
दद्दा जी के शिष्य और फिल्म स्टार आशुतोष राना सहित कई दिग्गज इस अनुष्ठान में शामिल हुए। इनमें मप्र विधानसभा के अध्यक्ष सीतासरन शर्मा, प्रदेश सरकार के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह, उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया, स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह, राज्य मंत्री संजय पाठक औरविश्वास सारंग, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान, पूर्व संगठन महामंत्री अरविंद मेनन, संगठन महामंत्री सुहास भगत सहित कई विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि प्रमुख हैं। यज्ञ के मुख्य यजमान और प्रदेश सरकार के प्रवक्ता डा. नरोत्तम मिश्रा का एक नया रूप इसमें दिखाई पड़ा। हमेशा लकदम परिधानों में रहने वाले डा. मिश्रा सातों दिन पीला धोती-कुर्ता पहने नंगे पैर चलते हुए कार्यक्रम को भी सफल बना रहे थे और लोगों की सेवा भी कर रहे थे। कार्यक्रम में सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण का लक्ष्य रखा गया था, जिसके विरुद्ध करीब साढ़े पांच करोड़ शिवलिंग का निर्माण किया गया। सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक पार्थिव शिवलिंग बनाए जाते थे। सात दिनों में भक्तों ने करीब 5 करोड़ 54 लाख शिवलिंग का निर्माण किया। यानि हर रोज 79 लाख 27 हजार से ज्यादा शिवलिंग बनाए गए। सातों दिन रोमांचित करने वाला नजारा अनुष्ठान स्थल पर बना रहा। हजारों की संख्या में भक्तगण सुबह से ही पहुंचकर शिवलिंग बनाना शुरू कर देते थे। स्टेडियम के अंदर बड़ा डोम लगाकर भक्तों के बैठने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन भक्तों की अधिक संख्या के चलते डोम भर जाता था। इसके बाद जिसे जहां जगह मिलती थी, वहीं सपरिवार बैठकर शिवलिंग निर्माण में जुट जाता था। इस दौरान प्रतिदिन यज्ञ, हवन, भण्डारा, प्रवचन, भक्ति संगीत और रामलीला का भी आयोजन किया गया।
इस 109वें पार्थिव शिवलिंग निर्माण अनुष्ठान कार्यक्रम का समापन करते हुए प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वे दतिया के विकास और लोक-कल्याण के लिये पूरी तरह समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि वे अंतिम सांस तक दतिया के विकास के लिये काम करेंगे। कार्यक्रम में गृह एवं परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह और सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विश्वास सारंग ने महा-आरती में शामिल होकर संत श्री दद्दाजी से आशीर्वाद लिया। भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि सावन के पवित्र माह में पार्थिव शिवलिंग निर्माण का अलग महत्व है। अपार जन-समूह को देखकर दतिया मिनी वृंदावन की तरह नजर आता है। विश्वास सारंग ने कहा कि दतिया में धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम का अदभुत नजारा दिखा। संत श्री दद्दाजी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति पुरुषार्थ, पराक्रम और सदमार्ग पर चलकर ईश्वर की कृपा प्राप्ति के लिये संकल्पित रहे।
जिस श्रद्धा और भक्ति के साथ दतिया और तमाम अन्य क्षेत्रों से आए भक्तों ने बारिस की परवाह किए बिना पार्थिव शिवलिंग निर्माण किया, उसे देख कर लगा कि हमारी धर्म ध्वजा अभी भी इसीलिए लहरा रही है क्योंकि हमारा समाज अपनी संवेदना और भावना से अभी भी ओत-प्रोत है। दद्दा जी जैसे संत तथा नरोत्तम मिश्रा जैसे जन प्रतिनिधि इसे ऊंचा उठाए रखने में समाज की मदद कर रहे हैं।