शाह के मेजबान के यहां शौचालय न होने पर सियासत
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 21 अगस्त। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अपनी तीन दिवसीय भोपाल यात्रा के आखिरी दिन जिस आदिवासी के घर भोजन करने गए उसके यहां टायलट न होना सियासी मुद्दा बन गया। टायलेट को लेकर तमाम विवाद शुरू हो गए, मामला इतना बढ़ गया कि 24 घँटे के भीतर नगर निगम ने उस आदिवासी के घर पर टायलेट की अस्थायी व्यवस्था करवा दी।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जहां भी दौरे पर जाते हैं, वहां पार्टी से जुड़े किसी दलित के घर भोजन करना भी उनके कार्यक्रमों में शामिल होता है। भोपाल यात्रा में भी यह कार्यक्रम शामिल था। इसलिए वे अपने दौरे के आखिरी दिन भोपाल की दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के सेवनिया गौड़ गांव में आदिवासी कमल उइके के घर भोजन करने पहुंचे। अमित शाह दोपहर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सहित अन्य भाजपा नेताओं के साथ उइके के घर पहुंचे। यहां उनके लिए दाल-बाटी, भरता और गुड़ का सीरा बनाया गया था। शाह करीब आधा घंटा उइके के घर स्र्के। कमल उइके वार्ड नंबर 26 के भाजपा पार्षद संतोष उइके के भाई हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास सुबह करीब सात बजे फोन आया था कि अमित शाह और शिवराज आपके घर भोजन करने आ रहे हैं। उसके बाद आनन फानन में तैयारी की गई। उइके परिवार शाह का मेजबान बनकर बड़ा खुश हुआ।
उइके के घर भाजपा संगठन और सरकार के पहुंचकर भोजन करने से ज्यादा चर्चा इस बात कि हुई कि उइके के घर शौचालय नहीं था। उइके दिहाड़ी मजदूर हैं और दो कमरे के खपरेल के घर में रहते हैं। उनका कहना था कि उन्होंने शौचालय के लिए आवेदन दिया था लेकिन छह माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे मीडिया की सुर्खियां बनी और सियासी विवाद बढ़ गया। यह विवाद इसलिए भी बढ़ा कि भाजपा सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए कटिबद्ध है और यहां जिसके घर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री भोजन करने जा रहे हैं, उसी के घर शौचालय नहीं था। इसके अलावा भोपाल नगर निगम खुले में शौच मुक्त शहर होने का दावा कर चुका है और इसी दम पर भोपाल को स्वच्छता में दूसरा स्थान हासिल हुआ था। उइके के घर शौचालय न होने से हकीकत उजागर हो गई। शाह और शिवराज तो भोजन करके चले गए लेकिन शौचालय का विवाद औऱ सियासत समाप्त नही हुई। अंततः 24 घंटे के भीतर नगर निगम की ओर उइके के यहां अस्थायी शौचालय बना दिया गया तथआ स्थायी शौचालय निर्माण भी मंजूर हो गया।