विधानसभा के आखिरी सत्र का हंगामेदार आगाज
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 25 जून। मध्यप्रदेश विधानसभा का आखिरी सत्र का आगाज भी हंगामे के साथ हुआ। पहले ही दिन जिस तरह के तेवर पक्ष और विपक्ष के दिखाई पड़े उससे साफ लग रहा है कि यह सत्र भी सियासी कड़वाहट के साथ ही समाप्त होगा। पिछले अन्य सत्रों की तरह इस सत्र के भी अपनी सिर्फ पांच दिन की निर्धारित अवधि तक चल पाने की संभावना नहीं लग रही है।
सत्र के पहले दिन इस बात का आभास हो गया कि सरकार किसी भी तरह आखिरी सप्लीमेंट्री बजट पास कराना चाहती है। वही विपक्ष एक बार फिर गंभीरता के साथ सदन में आने के बजाय शोर और हंगामे के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहता है। सोमवार को मानसून सत्र की हंगामेदार शुरुआत हुई। हंगामे के चलते विधानसभा कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए विधानसभा के अंदर घुसे और हंगामे के बीच ही सदन में कांग्रेस विधायक राम निवास रावत ने शिवराज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया और आसंदी से अनुमति मांगी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष की सूचना पर प्रस्ताव को चर्चा में लेने पर विचार होगा। वहीं सरकार का सारा ध्यान जरूरी सरकारी कामकाज निपटाने पर लग गया। कार्रवाई शुरू होते ही सरकार ने एक के बाद 17 विधेयक सदन में पेश कर दिए। इसके साथ ही सात अध्यादेश रखे गए। अनुपूरक बजट पर विधानसभा में मंगलवार को चर्चा होगी। इसके बाद सदन में कांग्रेसी विधायक हंगामा करते रहे और अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मानसून सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की है। कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। इसे देखते हुए मानसून सत्र बढ़ाए जाने की मांग की गई है।