विधानसभा का बजट सत्र पांच दिन पहले ही समाप्त
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 14 फरवरी। मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 13 दिन के बजाय 8 दिन में निर्धारित अवधि से पांच दिन पहले समाप्त हो गया। बुधवार को स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन की बैठक अनिश्चतकाल के लिए स्थगित कर दी। राज्य की सोलहवीं विधानसभा का यह दूसरा सत्र ही था। नई विधानसभा के गठन के बाद दिसंबर 2023 में हुआ पहला सत्र परिचयात्मक था। इसमें सदस्यों की शपथ, राज्यपाल का अभिभाषण, स्पीकर का चुनाव ही हो पाया था।
विधानसभा के बजट सत्र में सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए सप्लीमेंट्री बजट तथा अगले वित्तीय वर्ष के लिए चार महीने का लेखानुदान पेश किया। लेखानुदान 12 फरवरी को ही सदन में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने रखा था। लेखानुदान पारित होने के बाद ही सत्र समाप्त किए जाने की संभावना लग रही थी। आखिरकार बुधवार को सत्र समाप्त कर दिया गया। सत्र के छठवें दिन बुधवार को नर्मदा में सीवेज मिलने, जल जीवन मिशन और आदिवासी पिटाई के मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने ध्यानाकर्षण में नर्मदा नदी में प्रदूषण का मुद्दा उठाया। जबलपुर में नर्मदा में गंदा पानी मिलने पर बुधवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने नर्मदा नदी का जल अशुद्ध होने का मुद्दा उठाया। इस पर नगरीय प्रशासन विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि नर्मदा नदी में गंदा पानी मिल रहा है। ग्वारीघाट बस्ती से निकलने वाले गंदे पानी को नर्मदा नदी में जाने से रोकने की व्यवस्था की गई है। अन्य स्थानों पर सर्वे करवाया जा रहा है। हमारी नर्मदा मैया पर बहुत श्रद्धा है। हम नर्मदा नदी को मां मानते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आज मेरे पास फोन आया कि ये केवल जबलपुर का नहीं बल्कि श्रद्धा का सवाल है। नर्मदा नदी में गंदा पानी न मिले, यह सरकार की प्राथमिकता है। विजयवर्गीय ने सदन को आश्वस्त किया कि दो वर्ष में नर्मदा नदी में प्रदेश के किसी भी हिस्से से गंदा पानी नहीं मिलेगा। कांग्रेस विधायक ने इस पर कहा कि मां नर्मदा शिव की नहीं भाजपा की बेटी है। इसे लेकर सदन में हंगामा हो गया। मां नर्मदा पर की गई टिप्पणी को लेकर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि यह मर्यादा विहीन टिप्पणी है। मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि घनघोरिया को इस पर माफी मांगना चाहिए। यह बेहद अपमानित करने वाली बात है। बयान को विधानसभा की कार्यवाही से विलोपित करना चाहिए। इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। हंगामे के बीच प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्वस्थ वातावरण में पक्ष और विपक्ष ने अपनी बात रखी है। विधानसभा अध्यक्ष ने निष्पक्ष होकर पक्ष और विपक्ष को बोलने का मौका दिया है। उनको धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही ही लोकतंत्र की खूबसूरती है। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रथम बार के निर्वाचित सदस्यों को अवसर देना मेरी प्राथमिकता रही।