लंंबी कानूनी लड़ाई के बाद कड़कनाथ अब मध्यप्रदेश का
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 4 अगस्त। लंबी कानूनी लड़ी के बाद कड़कनाथ मुर्गा मध्यप्रदेश का हो गया। जियोग्राफिकल इंडिकेशन्स रजिस्ट्री ने कड़कनाथ का जीआई टैग मध्यप्रदेश के नाम कर दिया है। यह टैग 7 फरवरी 2022 तक वैध रहेगा। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच बीते करीब साढ़े छह साल से इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई चल रही थी। इसमें जीत अंततः मध्यप्रदेश की हुई। मध्यप्रदेश की ओर से कड़कनाथ के जीआई टैग के लिए ग्रामीण विकास ट्रस्ट के झाबुआ केंद्र ने आवेदन किया था।
मध्यप्रदेश के सहकारिता राज्य मंत्री विश्वास सारंग के मुताबिक किसी राज्य से कोई लड़ाई नहीं है, लेकिन कड़कनाथ मध्यप्रदेश की ही प्रजाति है। अब कड़कनाथ को एमपी का टैग मिलने के बाद व्यापार में और ज्यादा विकास होगा। कड़कनाथ मुर्गा का मीट और अंडा देसी मुर्ग से भी कहीं ज्यादा महंगा बिकता है। फुटकर बाजार में इसके मीट का रेट 300 से लेकर 450 रुपये होता है। कई बार यह 700 से लेकर 1000 रुपए किलो तक बिक जाता है। जिन इलाकों में यह मौजूद वहां इसके एक अंडे की कीमत 25 रुपये तक चली जाती है। अगर आप ऑनलाइन इसका अंडा खोजेंगे तो 50 रुपये तक दाम रखा गया है। हालांकि, ग्रामीण इलाकों में इतना दाम नहीं मिलता। इसके एक दिन के चूजे की कीमत 70 रुपये के आसपास होती है।कड़कनाथ में कोलेस्ट्राल की मात्रा दूसरे मुर्गों की तुलना में प्रति किलोग्राम कम होती है। हड्डी, खून और मांस काला होता है। प्रोटीन का प्रतिशत भी कड़कनाथ के मांस में ज्यादा पाया जाता है। चर्बी भी बहुत कम होती है।इसलिए इसे सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना गया है।