राज्य के मंत्री दिल्ली में डालेंगे डेरा, केंद्र से बजट के लिए बनाएंगे दबाव
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 9 जनवरी। मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री अब दिल्ली में डेरा डालकर केंद्र पर दबाव बनाएंगे ताकि मध्यप्रदेश को विभिन्न मदों में बकाया बजट जल्दी मिल सके। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी मंत्रियों से कहा कि है वे दिल्ली में अपने विभाग से संबंधित केंद्रीय मंत्रियों से मिलें और विभागीय योजनाओं की लंबित राशि का भुगतान कराने का दबाव बनाएं।
मध्यप्रदेश सरकार को लगातार वित्तीय संकटों का मुकाबला करना पड रहा है। राज्य के अपने स्त्रोतो से आय नहीं हो रही है और केंद्र से मिलने वाले बजट का आवंटन समय पर नहीं हो रहा है। राज्य को मिलने वाला जीएसटी का हिस्सा समय पर और पूरा नहीं मिल रहा है। इसके साथ ही केंद्रीय सहायता से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की अंश राशि भी नहीं मिल रही है। इसके परेशान सरकार के मुखिया कमलनाथ ने सभी मंत्रियों से दिल्ली में डेरा डालकर अपने विभागों की बकाया राशि निकलवाने का दबाव बनाने को कहा है। सरकार की इस कवायद से प्रदेश में नई सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र जानबूझकर मध्यप्रदेश को उसके हिस्से का बजट नहीं दे रहा,ताकि जनकल्याण की योजनाएं प्रभावित हों और सरकार की छवि खराब हो, इसलिए अब कांग्रेस के सभी मंत्री केंद्रीय सरकार पर दबाव बनाएंगे।
विकास का मामला सियासत में बदलते ही भाजपा भी सक्रिय हो गई है। प्रदेश में विपक्ष में बैठी भाजपा केंद्र पर लग रहे आरोपों को गलत बताते हुए राज्य सरकार को ही आड़े हाथों ले रही है। भाजपा की मानें तो राज्य सरकार समय पर हिसाब नहीं दे रही है, इसलिए राशि आवंटन समय पर नहीं हो पा रहा है।सरकार ने जिन योजनाओं और कार्यक्रमों की राशि का हिसाब समय से केंद्र को भेज दिया उनकी राशि समय पर आ गई। भाजपा उल्टे कांग्रेस के मंत्रियों से सवाल कर रही है कि उन्होंने जनता से किया कौन सा वायदा पूरा कर दिया जिसमें बजट खर्च हो गया।
यह बात तय है कि राज्य सरकार गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही है और केंद्रीय मदद भी समय से नहीं मिल रही है। लेकिन इस मुद्दे को प्रशासनिक ढंग से हल करने की कोशिश से स्थिति और बिगड़ रही है। केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा और राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा दोनों ही इस मुद्दे पर सियासत कर रहे हैं। इसके चलते स्थितियां अभी और बिगड़ने की आशंका बढ़ रही है।