मप्र के मंत्री की सलाह- शराब खोरी रोकने के लिए पति को अपने सामने घर में पिलाएं

Jun 28, 2024

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 28 जून। मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार के मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने शराबखोरी रोकने के लिए नई तरकीब ईजाद की है। उनकी यह तरकीब सलाह के रूप में है। मंत्री जी का कहना है कि महिलाओं को अपने पतियों की शराबखोरी रोकने के लिए उन्हें अपने सामने घर पर पीने के लिए कहना चाहिए। इससे शर्मिंदगी के चलते पति धीरे धीरे शराब छोड़ देंगे।

मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार में सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह शुक्रवार को भोपाल में आयोजित नशा मुक्ति अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम में महिलाओं को सलाह दे रहे थे। उन्होंने कहा कि माता -बहनें चाहती है कि उनका पति शराब न पिए तो पहले पति को इस तरह से बताएं कि बाजार में कहीं मत पियो। आप तो शराब घर लेकर आओ, खाना खाओ और मेरे सामने पियो। उन्होंने कहा कि पति जब सामने पिएंगे तो उनकी लिमिट कम होती जाएगी। धीरे-धीरे वो बंद की कगार पर आ जाएगी। उसे शर्म आएगी कि मैं अपनी पत्नी और बच्चों के सामने शराब पी रहा हूं। उसे वो भी बातें बताएं कि तुम्हारे बच्चे आगे शराब पिएंगे। शराब उसकी बंद हो जाएगी। मंत्री ने यह भी कहा कि सामाजिक संस्कारों के कारण कई लोग ऐसा नहीं कर पाते, लेकिन गलत काम रोकने के लिए संस्कार आड़े नहीं आना चाहिए। शराब पीने वालों को बेलने दिखाएं, खाना न दें।कुशवाह ने कहा कि नशे की बुराई को खत्म करने के लिए सभी धार्मिक, आध्यात्मिक संस्थाओं से सहयोग लें। इसके लिए समाज में जनजागरण करें।

मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने भोपाल में खाद्य प्रसंस्करण और कृषि व्यवसाय शिखर सम्मेलन का शुभारंभ भी किया। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेशकों के लिए मध्य प्रदेश के द्वार सदैव खुले हैं। प्रदेश में 27 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 400 लाख मीट्रिक टन उद्यानिकी फसलों का उत्पादन होता है। देश में मध्य प्रदेश उद्यानिकी उत्पादन में 11 प्रतिशत, कृषि उत्पादन में 10 प्रतिशत तथा दुग्ध उत्पादन में नौ प्रतिशत उल्लेखनीय भागीदारी दर्ज करता है। मध्य प्रदेश देश में टमाटर उत्पादन में प्रथम तथा मिर्च, प्याज के उत्पादन में द्वितीय स्थान रखता है। देश में कुल जैविक उत्पादन में मध्य प्रदेश की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मंत्री कुशवाह ने व्यवसायियों से अपील की कि वह प्रदेश में उद्यानिकी फसलों पर आधारित व्यवसायिक गतिविधियों में निवेश करें। राज्य सरकार उनकी भरपूर मदद करेगी।

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