मध्यप्रदेश की 24 विधानसभा सीटों के उप चुनाव समय पर नहीं हो पाएंगे
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 12 मई। कोरोना संकट के चलते मध्यप्रदेश विधानसभा की 24 विधानसभा सीटों के उप चुनाव निर्धारित समय पर नहीं हो पाएंगे। भारत निर्वाचन आयोग अपने अधिकारों का उपयोग कर सीटें रिक्त रहने की अवधि को बढ़ा देगा। आयोग उप चुनाव की तैयारियों में जुट गया है, लेकिन कोरोना के चलते समय पर चुनाव कराना संभव नहीं हो पा रहा है। नियमानुसार तो एक सीट के लिए नोटीफिकेशन 11 मई को हो जाना चाहिए था, जो नहीं हो पाया। इसलिए अब सभी सीटों के उपचुनाव आगे बढ़ाए जाएंगे। चुनाव आयोग को चुनाव आगे बढ़ाने का अधिकार है।
मध्यप्रदेश में इस समय विधानसभा की 24 सीटें रिक्त हैं, जिन पर चुनाव होना है। चुनाव के संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार किसी भी रिक्त सीट को 6 माह के भीतर भर लिया जाना चाहिए। चुनाव की प्रक्रिया के लिए 40 दिन की अवधि तय की गई है। मध्यप्रदेश में खाली 24 सीटों में एक जौरा के 6 माह 21 जून को पूरे हो रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा के निधन से यह सीट 21 दिसंबर को खाली हुई थी। इस तरह इस पर 21 जून तक चुनाव हो जाना चाहिए और 40 दिन की चुनाव प्रक्रिया के लिए 11 मई को नोटीफिकेशन हो जाना चाहिए था। कोरोना संकट के कारण यह नहीं हो पाया। इसी तरह भाजपा विधायक मनोहर ऊंटवाल के निधन से आगर सीट 30 जनवरी को रिक्त हुई थी। इस पर 30 जुलाई तक चुनाव हो जाने चाहिए और चुनाव प्रक्रिया 20 जून को शुरू हो जानी चाहिए। शेष 22 सीटें कांग्रेस के विधायकों को इस्तीफे से 10 मार्च को रिक्त हुई थीं। इन पर 10 सितंबर तक चुनाव हो जाना चाहिए और चुनाव की प्रक्रिया 30 जुलाई तक शुरू हो जानी चाहिए, लेकिन वर्तमान हालातों को देखते हुए चुनाव आगे बढ़ाए जा सकते हैं।
किस जिले में किस सीट पर होना है उप चुनाव
मुरैना जिला- जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी और अंबाह ।
भिंड जिला- मेहगांव और गोहद।
ग्वालियर जिला-- ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व और डबरा।
दतिया जिला--- भांडेर।
शिवपुरी जिला-- करैरा और पोहरी।
अशोकनगर जिला---- अशोकनगर और मुंगावली।
गुना जिला ---- बामोरी।
सागर जिला—सुरखी।
अनूपपुर जिला---अनूपपुर।
रायसेन जिला --- सांची।
इंदौर जिला ----सांवेर।
देवास जिला-- हाटपीपल्या।
धार जिला--- बदनावर।
मंदसौर जिला--- सुवासरा।
आगर मालवा जिला--- आगर विधानसभा ।
निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव वाले सभी जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर आदर्श आचार संहिता के पालन का निर्देश दिया है। इसके तहत इन जिलों में तीन साल से पदस्थ अधिकारियों को हटाया जाना भी प्रमुख है। लेकिन चुनाव की तारीखों को लेकर आयोग ने आधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं कहा है। हालांकि आयोग ने अक्टूबर में चुनाव कराने के संकेत दिए हैं। असमंजस की इस स्थिति में अब मप्र सरकार और भाजपा इस कोशिश में रहेगी कि कैसे भी चुनाव अक्टूबर के पहले हो जाएं ताकि बिना विधायक मंत्री बनने वालों को हटाने की नौबत न आ जाए। हालांकि तस्वीर लाकडाउन 3 की स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही साफ होगी।