नई शिक्षा नीति के अनुसार तैयार होंगे मप्र के इंजीनीयरिंग और पालीटेकनिक कालेज
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 20 अगस्त। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत गठित टॉस्क फोर्स की बैठक मंगलवार को भोपाल स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में हुई। बैठक की अध्यक्षता तकनीकी शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार ने की बैठक में वर्तमान परिदृश्य और आगामी कार्ययोजना को लेकर व्यापक विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत AICTE द्वारा किये गए प्रावधान एवं क्रियान्वयन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रमों का पुनरीक्षण, नवीनतम पाठ्यक्रमों का समावेश ,बहु विषयक शिक्षा(Multi-Disciplinary Education),अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट(ABC), क्रेडिट फ्रेमवर्क, स्टूडेंट परफॉरमेंस इंडेक्स एवं संस्थानों की रैंकिंग सहित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। तकनीकी शिक्षा मंत्री ने तकनीकी शिक्षण संस्थानों में मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट, ऑनलाइन एवं डिजिटल शिक्षा, भारतीय ज्ञान परम्परा (IKS) एवं वैल्यू एजुकेशन, शोध एवं अनुसंधान, मातृभाषा (हिंदी) में पाठ्यक्रम, पुस्तकें एवं परीक्षा, मातृभाषा में पुस्तकों का अनुवाद, रोजगार, स्टार्टअप एवं उद्यमिता, डिजिटल यूनिवर्सिटी और कोडिंग लैब सहित विभिन्न विषयों पर भी व्यापक विमर्श कर क्रियान्वयन के निर्देश दिए। उन्होंने इंजीनियरिंग एवं पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों की राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर रैंकिंग के लिए आवश्यक सभी प्रबंधन एवं गुणवत्ता सुधार के लिए भी निर्देशित किया।
सचिव, तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार रघुराज एम आर ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान परिदृश्य एवं भविष्य की कार्ययोजना का रोडमैप प्रस्तुत किया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्य अनुरूप मानव क्षमता का विकास, स्किल डेवलपमेंट और लाइफ लॉन्ग लर्निंग पर फोकस सहित विभिन्न बिंदुओं पर प्रकाश डाला। विशेषज्ञ डॉ रमाकांत पांडे, निदेशक, सेंटर ऑफ पॉलिसी रिसर्च एंड गवर्नेस, नई दिल्ली ने तकनीकी शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए महत्वपूर्ण और दूरदर्शितापूर्ण सुझाव दिए। विशेषज्ञ डॉ सदानंद दामोदर सप्रे, प्रोफेसर (सेवानिवृत्त) एनआईटी, भोपाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में भारतीय ज्ञान परम्परा समावेशी शिक्षा पर अपना दृष्टिकोण रखा। सप्रे ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमारा भविष्य निर्धारित करेगी, इस विचार के साथ क्रियान्वयन किया जाना चाहिए। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की कुलगुरू डॉ रूपम गुप्ता ने विश्वविद्यालय द्वारा कृत कार्यों एवं आगामी कार्ययोजना का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया। उद्योग प्रतिनिधियों ने उद्योग जगत के अनुरूप पाठ्यक्रम निर्माण पर जोर डाला।