डाक्टरों की देशव्यापी हड़ताल का एमपी में व्यापक असर, हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 17 अगस्त। कोलकता में महिला डाक्टर से दरिंदगी और हत्या के विरोध में शनिवार को देश भर में डाक्टर हड़ताल पर रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर बुलाई गई हड़ताल में सरकारी और निजी दोनों ही क्षेत्रों के डाक्टरों ने हिस्सा लिया। मध्यप्रदेश मे भी हड़ताल का व्यापक असर रहा। बड़े-बड़े शहरों और अस्पतालों में भी लोग मरहम पट्टी और इंजेक्शन तक के लिए परेशान हो गए। आईएमए ने इमरजेंसी सेवाओं को ह़ड़ताल से मुक्त रखा था। मप्र हाईकोर्ट ने हड़ताल पर सख्त नाराजगी जताते हुए सभी डाक्टरों को पहले काम पर लौटने के निर्देश दिए। जबलपुर में रुककर ज्ञापन नहीं लेने पर डाक्टरों ने सीएम के खिलाफ नाराजगी जाहिर की।
डाक्टरों की देश व्यापी 24 घंटे की हड़ताल का आह्वान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने किया था। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) और जूनियर डाक्टर एसोसिएशन (जूडा) ने कई जगह हड़ताल का समर्थन किया। इस कारण मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं। प्रदेश में एम्स सहित प्रदेश के सभी सरकारी और गैरसरकारी मेडिकल कालेजों तथा अस्पतालों में डाक्टरों की हड़ताल रही। आईएमए ने अपने बयान में कहा है कि सुबह 6 बजे से 24 घंटे तक सभी अस्पतालों में गैर-आपातकालीन सेवाएं बंद रहेंगी, जबकि आवश्यक सेवाएं और कैजुअल्टी वॉर्ड चालू रहेंगे।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डा मोहन यादव शाम को जबलपुर पहुंचे तो डाक्टरों ने उनसे मिलकर अपनी समस्याएं बताने और ज्ञापन देने की कोशिश की। सीएम ने ज्ञापन कार में बैठे बैठे ही ले लिया। वे न तो उतरकर डाक्टरों से मिले और न ही उनसे किसी तरह की बात की। इससे डाक्टरों में बहुत नाराजगी हो गई। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टर्स ने बताया कि कोलकाता मेडिकल कालेज में एक महिला जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी और उसकी हत्या के बाद से देश भर के डॉक्टर अपनी सुरक्षा को लेकर लामबद्ध हैं। मध्यप्रदेश के जूनियर डॉक्टर भी कोलकाता में हुई इस घटना को लेकर नाराज हैं और विरोध कर रहे हैं। सीएम देर रात जब जबलपुर पहुंचे तो उनसे मिलने के लिए वो दो घंटे से इंतजार कर थे। जब वह आए तो डॉक्टर्स उनसे मिलकर अपनी सुरक्षा को लेकर बात करना चाहते थे। मुख्यमंत्री से जब डॉक्टर मिलने पहुंचे तो उन्होंने डॉक्टर्स की समस्याओं को नहीं सुना और आगे निकल गए।
उधर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हड़ताल पर नाराजगी जताते हुए डॉक्टरों को हड़ताल वापस लेने और राज्य में ड्यूटी पर लौटने का आदेश दिया है। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस राज मोहन सिंह की डिवीजन बेंच ने हड़ताल को चुनौती देने वाली नरसिंहपुर जिले के अंशुल तिवारी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश जारी किया। डॉक्टर्स की शिकायत पर 20 अगस्त को सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता संजय अग्रवाल और अधिवक्ता अंजू अग्रवाल ने बताया कि अदालत ने डॉक्टरों को हड़ताल वापस लेने और ड्यूटी पर लौटने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा अदालत ने डॉक्टरों को अपनी शिकायतें अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है।हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है।