छह महीने की सियासी छुट्टी पर जाएंगे दिग्विजय
भोपाल। दो बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ऐसे समय पर छह महीने के लिए छुट्टी पर जा रहे हैं जब समूची कांग्रेस 12 महीने बाद होने जा रहे अगले विधानसभा चुनाव में शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकने की रणनीति बनाने में जुटी है। दिग्विजय सिंह नर्मदा परिक्रमा करना चाहते हैं इसलिए उन्होंने छह महीने के लिए सक्रिय राजनीति से छुट्टी लेने का निर्णय लिया है। उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी छह महीने के लिए पार्टी के कामों से अवकाश मांगा है।
दिग्विजय सिंह ने नर्मदा परिक्रम करने की घोषणा उस समय की थी जब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नमामि नर्मदे के तहत नर्मदा के किनारे कार्यक्रम करते हुए यात्रा कर रहे थे। उस समय इसे दिग्विजय सिंह का सियासी बयान माना गया था। लेकिन बाद में कांग्रेस के अंदर ऐसी सियासी स्थितियां बनीं कि दिग्विजय सिंह के महासचिव पद के कई प्रभार उनसे वापस ले लिए गए। विशेषकर गोवा में सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी सरकार नहीं बना पाने का सारा ठीकरा दिग्विजय सिंह के ऊपर फोड़ दिया गया। उसी समय श्री सिंह ने अपनी पुरानी घोषणा के अनुसार नर्मदा परिक्रमा करने का मन बना लिया। इसी के तहत उन्होंने पार्टी हाईकमान से छह महीने के लिए उन्हें सियासी कामों से मुक्त करने की अनुमति मांग ली। उनका कहना है कि वे नर्मदा परिक्रमा ठीक उसी तरह करेंगे जैसे कि आम परिक्रमा वासी करते हैं। इस दौरान मोबाइल फोन तक से दू रहेंगे। उन्होंने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी से भी इस बारे में चर्चा करके अपने फैसले को अमली जामा पहनाने की तैयारी कर ली है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री होने के कारण दिग्विजय सिंह को सुरक्षा व्यवस्था मिली हुई है लेकिन उन्होंने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर यात्रा के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने डीएसपी रैंक के किसी अधिकारी को सुरक्षा का जिम्मा सौंपे जाने को कहा है । पुलिस मुख्यालय ने समीक्षा के बाद आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने की नीति बनाई है।
दिग्विजय सिंह भले ही कह रहे हैं कि वे 6 महीने सियासत से दूर रहेंगे लेकिन उनकी नर्मदा यात्रा को एक सियासी चाल माना जा रहा है। यह माना जा रहा है कि वे कांग्रेस को नर्मदा के किनारे वाले विधानसभा क्षेत्रों में विस्तार देने के लिए ही यह यात्रा कर रहे हैं।