चुनाव परिणाम से पहले अपनी पार्टी की सरकार पर जमकर बरसीं उमा भारती
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 30 नवंबर। विधानसभा चुनाव परिणाम के पहले मध्यप्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने अपनी ही पार्टी की सरकार को जमकर घेरा है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की सरकार के मुखिया अपने ही जिले में अवैध उत्खनन नहीं रोक पा रहे हैं।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस राज का खात्मा कर भाजपा की सत्ता स्थापित करने वाली उमा भारती हासिए पर चल रही हैं। उनका यह दर्द कई बार उनकी बातचीत में छलक पड़ता है। विधानसभा चुनावों के शोर शराबे से दूर रही उमा भारती ने मतगणना से पहले भोपाल में मीडिया से चर्चा करते हुए पार्टी की सत्ता में वापसी का दावा किया लेकिन सरकार की जमकर छीछालेदर की। भाजपा नेत्री व पू्र्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने प्रदेश में चल रहे अवैध खनन और शराब माफिया को लेकर शिवराज सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने शहडोल में पटवारी प्रसन्न सिंह की हत्या को लेकर कहा, कि मुझे प्रदेश में अवैध खनन चुभ रहा है। अब इसकी खिलाफत सबसे पहले की जाएगी। इससे पहले शराब माफिया के खिलाफ जंग छेड़ी थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान ने मेरी मांगों को माना, लेकिन वह अब तक लागू नहीं हो पाई हैं। उमा भारती ने कटाक्ष करते हुए कहा, कमाल यह है साहब, कि हमारी सरकार के मुखिया के जिले में ही उनकी छाती के ऊपर खनन हो रहा। वह उसे भी रोक नहीं पा रहे। क्या सत्ता शराब, खनन और बिजली माफिया के आगे कोई इतना असहाय हो सकता है? इसी के साथ उन्होंने कहा कि अब खनन माफिया के खिलाफ लठ्ठ लेकर मैं खुद उतरुंगी। अब अगली सरकार चाहे किसी की भी हो, लेकिन यह अभियान जारी रहेगा। उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पर कभी संकट आएगा ही नहीं, जब कभी ऐसा हुआ तो सबसे पहले जान की बाजी मैं लगाउंगी। उमा भारती ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एक आईएएस अधिकारी ने उन्हें बतलाया है कि शराब, खनन की कमाई से ही पूरे देश में राजनीतिक दलों की पार्टियां आयोजित होती हैं। उमा भारती ने अपनी ही पार्टी की सरकार के काम काज पर सवाल उठाते हुए मुखिया शिवराज सिंह चौहान को घेरने में कोई कमी नहीं रखी। उन्होंने कहा कि बीजेपी मेरी पार्टी, मोदीजी मेरे नेता हैं। मैं देश पर जान दे सकती हूं। इस बीच उन्होंने पार्टी की ही सरकार बनने की कामना की लेकिन दूसरे ही पल उनका दर्द भी छलक गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद मेरी घेराबंदी हो गई थी और मैं और बड़े पद पर न चली जाऊं. इसके लिए नाकेबंदी जैसी घेराबंदी की गई। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में उमा भारती के नेतृत्व में सरकार बनी थी और उसके बाद एक मामले में उन्होंने इस्तीफा दिया और फिर स्वर्गीय बाबूलाल से होते हुए सत्ता शिवराज सिंह चौहान के हाथों तक आई।