कांग्रेस ने कर्नाटक संकट सुलझाने के लिए कमलनाथ को भेजा
खरी खरी संंवाददाता
भोपाल, 13 जुलाई। कांग्रेस हाईकमान ने कर्नाटक का संकट सुलझाने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर भरोसा जताया है। कांग्रेस ने पार्टी को संकट से उबारने के लिए अब कमलानथ को कमान सौंपी है। मुख्यमंत्री कमलनाथ बेंगलुरु पहुंचेंगे और वहां की सियासी हलचल का जायजा लेंगे। कमलनाथ वहां एक दो दिन रुककर संकट को सुलझाने का प्रयास करेंगे। मध्यप्रदेश में विधानसभा सत्र का अवकाश मंगलवार तक होने के कारण भी मुख्यमंत्री पार्टी हाईकमान के लिए खुशखबर देने तक इस सियासी दांवपेंच में बने रह सकते हैं। उधर कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष येदियुरप्पा ने कहा है कि वे सदन में शक्ति परीक्षण के लिए तैयार हैं। येदियुरप्पा ने कहा कि अगर सरकार विश्वास प्रस्ताव लाना चाहती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।उन्होंने कहा कि सोमवार को स्पीकर से मुलाकात कर सोमवार को ही विश्वास प्रस्ताव लाने को कहेंगे। बता दें कि कर्नाटक विधानसभा में कुल 225 सीटें हैं। इसमें 1 सीट नामांकित हैं। वर्तमान में 78 सीट कांग्रेस, 37 जेडीएस, बसपा 1, निर्दलीय-2, बीजेपी 105 और अन्य अन्य के खाते में कुल 1 सीट है।
कर्नाटक में सियासी गहराया हुआ है. कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायकों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके चलते कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार पर खतरा मंडरा रहा है, हालांकि कुमारस्वामी फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं।
शुक्रवार को विधानसभा में बोलते हुए उन्होंने फ्लोर टेस्ट कराने और बहुमत साबित करने की इजाजत मांगी है। वहीं, कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार बागी विधायक नागराज के घर पहुंचे और उनसे इस्तीफा वापस लेने की बात कही। बताया जा रहा है कि इसके बाद नागराज ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया से कहा कि वो अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे और कांग्रेस में बने रहेंगे। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार से मामले में किसी भी तरह का कोई फैसला नहीं लेने को कहा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 16 जुलाई को सुनवाई करेगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों को विधानसभा के स्पीकर से मुलाकात करने को कहा था। शीर्ष अदालत के आदेश के बाद बागी विधायकों ने विधानसभा पहुंचकर स्पीकर रमेश कुमार से मुलाकात की थी।