सिंधिया खेमे के मंत्री अपने अफसरों से परेशान, जानबूझकर की गई पोस्टिंग
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 18 जून। कांग्रेस चाहे जितने दावे करे की उसकी सरकार में सब ठीक-ठाक चल रहा है, लेकिन सरकार के अंदरखाने की स्थिति अच्छी नहीं है। सरकार में शामिल सिंधिया खेमे के मंत्री खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उनका आरोप है कि उनके विभागों में जानबूझकर ऐसे अफसरों को रखा गया है जो उनकी बात नहीं सुनते हैं।
सिंधिया समर्थक मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के भोपाल स्थित बंगले पर हुई एक डिनर पार्टी में इन मंत्रियों ने कहा कि अपने विभाग के प्रमुख सचिव और अन्य स्टाफ का कामकाज सकारात्मक ना होकर बाधा डालने वाला होता है , इसलिए वे जनता के काम नहीं कर पा रहे हैं। मंत्रियों के परफॉर्मेंस को लेकर उठ रहे सवालों के बारे में कहा गया कि जब नौकरशाही काम नहीं करेगी तो परिणाम कहां से मिलेंगे। डिनर पार्टी में सिंधिया कैंप के छह मंत्रियों तुलसी सिलावट, इमरती देवी, गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, डॉ प्रभु राम चौधरी और स्वयं महेंद्र सिंह सिसोदिया मौजूद थे। इन मंत्रियों का यह भी कहना था कि वे अपनी बात कमलनाथ को पहुंचाने का प्रयास करते रहे हैं लेकिन उन्होंने अभी तक ठीक से सुनवाई नहीं की है। अब इन मंत्रियों के तय किया है कि वे सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात को रखेंगे। बताया गया है कि बैठक में हर मंत्री ने अपना दर्द आपस में शेयर किया। मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि उनके विभाग में पिछले 6 माह में तीन प्रमुख सचिव बदले जा चुके हैं। अब ऐसे प्रमुख सचिव को दिया गया है जिनका रेपुटेशन ही हमेशा काम में अड़ंगा डालने का रहा है। उनके बारे में कहा गया है कि वह पहले भी जिस विभाग में रहे हैं, उनका मंत्रियों से कभी भी तालमेल नहीं रहा है। इसी प्रकार खाद्य मंत्री तोमर अपनी प्रमुख सचिव नीलम शमी राव के कामकाज के तरीकों से खुश नहीं है। उन्होंने कुछ उदाहरण देकर यह बताया कि पी एस के कारण वे पिछली विधानसभा सत्र में भाजपा के सवालों के घेरे में आ गए थे। स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभु राम चौधरी भी अपने विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी के कामकाज पर प्रश्न चिन्ह लगाए। पिछले सप्ताह सिंधिया समर्थक मंत्रियों ने दिल्ली में ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर उन्हें भी इस संबंध में अवगत कराया था। सिंधिया समर्थक इन मंत्रियों की मुलाकात कमलनाथ के चार दिवसीय दिल्ली दौरे के पहले हुई थी।