हिट एंड रन कानून के खिलाफ ड्राइवर सड़क पर , वाहनों के थमने से लोग परेशान
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 1 जनवरी। नए साल में सड़क हादसों में सजा के लिए बने हिट एंड रन कानून में बदलाव के खिलाफ ट्रकों-बसों और अन्य वाहनों के ड्राइवर गाड़ियां खड़ी कर सड़क पर उतर आए हैं। इससे देश के अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश में भी हालात खराब हो गए हैं। यात्रियों को आने जाने के लिए बसें तथा अन्य पब्लिक वाहन नहीं मिल रहे हैं तो टैंकर चालकों की हड़ताल के कारण पेट्रोल डीजल की सप्लाई प्रभावित होने से संकट बढ़ गया है। समस्या के अभी और बढ़ने की आशंका में पेट्रोल पंपों पर लोगों की कतारें लग गई हैं।
केंद्र सरकार द्वारा लाये जा रहे 'हिट एंड रन' के नए कानून को लेकर ड्राइवरों में रोष व्याप्त है। मध्य प्रदेश में चालक इसके विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। पेट्रोल टैंकर चालकों की हड़ताल के बाद सोमवार को बस ड्राइवरों ने चक्का जाम कर कई जगह चौराहों और सड़कों को जाम कर दिया। चौराहे पर वाहनों को खड़ा कर दिया गया। इससे चौराहा से आवागमन पूरी तरह बंद हो गया। आईपीसी में हिट एंड रन मामलों में गैर इरादतन हत्या या लापरवाही के कारण मौत की धारा लगती थी।इसमें अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान था। अधिकांश मामलों में लापरवाही को वाहन की तकनीकी खराबी साबित कर दिए जाने से ड्राइवर सजा से बच जाते थे। केंद्र सरकार ने इस कानून में संशोधन कर अब एक्सीडेंट होने पर ड्राइवर को 10 साल की सजा और 7 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसे लेकर देश भर के वाहन चालक हड़ताल पर हैं। उनका कहना है कि सड़क हादसे सिर्फ बड़े वाहन चालक की गलती के कारण नहीं होते हैं। हादसे के बाद वाहन चालक मौके से सिर्फ इसलिए भागता है कि उसकी गलती न होने पर भी उसे वहां जमा हो जाने वाली भीड़ के गुस्से का शिकार होना पड़ता है। सरकार ने उसका कोई उपाय करने के बजाय हिट एंड रन हादसों के लिए सिर्फ वाहन चालक को जिम्मेदार ठहराने वाला कानून बना दिया। इससे वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पडेगा। इसलिए यह कानून वापस लिया जाना चाहिए।
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने 2 जनवरी को बैठक बुलाई है। जानकारी है कि ड्राइवरों की हड़ताल का यूनियन समर्थन कर सकते हैं। मध्यप्रदेश के लगभग सभी शहरों में हालात खराब हो गए हैं। इंदौर में अटल सिटी ट्रांसपोर्ट की 600 बसें खड़ी हुई हैं। 49 आई बस, 40 इलेक्ट्रिक और 370 सिटी बस भी ड्राइवरों की हड़ताल से बंद है। रोजाना सफर करने वाले पौने तीन लाख लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भोपाल में लोगों को ऊबर और ओला जैसे वाहन भी नहीं मिल पा रहे हैं। पेट्रोल डीजल की कमी और ड्राइवरों की हड़ताल के कारण उनके पहिए भी थम गए हैं। भोपाल से इंदौर एवं अन्य शहरों को चलने वाली कई बसें बंद होने से लोग परेशान हो रहे हैं।