सिक्यूरिटी पर 3 सालों में 15 अरब डॉलर लगाएं : एसौचेम
नई दिल्ली : देश की आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अगले तीन साल में तकरीबन 15 अरब डॉलर और साइबर सुरक्षा पर चार अरब डॉलर खर्च करने की जरूरत है। उद्योग संगठन एसोचैम ने शुक्रवार को जारी एक अध्ययन रिपोर्ट में बताया कि सरकार ने दो केंद्रीय योजनाओं अम्रत तथा स्मार्ट सिटी मिशन के लिए लगभग एक अरब डॉलर का आवंटन किया है। यदि इसमें से 10 प्रतिशत राशि भी सुरक्षा पर खर्च कर दी जाती है तो यह राशि 10 करोड़ डॉलर होगी।
एसौचेम ने कहा कि यदि 2019 तक हर नागरिक की सुरक्षा पर 15 डॉलर का खर्च भी किया जाये तो कुल खर्च 15 अरब डॉलर हो जायेगा जिसे आंतरिक तथा बाह्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के मद में व्यय किये जाने की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा पर खर्च करना बीमा देने से कहीं बेहतर है। सरकार ने हर नागरिक के लिए बेहद कम प्रीमियम पर बीमा योजना शुरू की है, लेकिन यदि सुरक्षा पर तीन साल में 15 अरब डॉलर खर्च किये जाते हैं तो इससे बीमा पर होने वाला व्यय अपने आप कम हो जायेगा।
इसमें अमेरिका का उदाहरण देते हुये कहा गया है कि 9/11 हमले के बाद अमेरिका ने तकरीबन 3000 अरब डॉलर खर्च किये जबकि हमला करने में अलकायदा ने मात्र पाँच लाख डॉलर खर्च किये थे।
रिपोर्ट के अनुसार, यूजरों की बढ़ती संख्या के साथ इंटरनेट तथा मोबाइल कॉमर्स का भी विस्तार होगा। इसके साथ देश में साइबर क्राइम का खतरा भी बढ़ जायेगा। इससे निपटने के लिए सार्वजनिक निजी साझेदारी के जरिये चार अरब डॉलर के निवेश की जरूरत है। व्यक्तिगत स्तर पर महिलाओं को परेशान करने तथा डराने-धमकाने जैसे अपराध सामने आयेंगे जबकि कॉर्पोरेटों को डाटा चोरी की स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। चार अरब डॉलर की राशि का उपयोग प्रशिक्षण, तकनीक को अद्यतन बनाने, पीड़तिों की काउंसिलिंग तथा साइबर सेलों की स्थापना के लिए करने की जरूरत होगी।
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