सत्ता का नशा कम हो तब रुकेगी अवैध माइनिंग

Jan 31, 2017

                                                               सुमन ‘रमन ’

मध्य प्रदेश में तेजी से फैलते अवैध उत्खनन ने जहां विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा दे दिया है, वहीं सरकार को मुश्किल में डाल दिया है । ऐसे में सीहोर जिले के नसरुल्लागंज में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रिश्तेदारों के डंपर अवैध रेत परिवहन करते पकड़े गए तो सियासी हंगामा खड़ा हो गया। मुख्यमंत्री ने मौके की नजाकत को भांपते हुए आक्रामक तेवर अपना लिए और विपक्ष के हाथ में जाता मुद्दा गर्माने से रोक लिया। सीएम ने प्रदेश भर के कलेक्टरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग में दो टूक कह दिया कि सरकार से बड़ा कोई नहीं है,  इसलिए  खनन माफिया कोई भी हो बख्शा नहीं जाना चाहिए। सीएम के इस अंदाज से फिलहाल अवैध माइनिंग का सियासी मुद्दा थोड़ा नरम पड़ जाएगा, लेकिन भाजपा नेताओं के सिर पर चढ़कर सत्ता का नशा जो बोल रहा है उसे रोके बिना सीएम की किसी भी घोषणा पर पूर्णत: अमल कर पाना मुश्किल है।

अपने रिश्तेदारों के डंपर पकड़े जाने के बाद जिस समय मुख्यमंत्री प्रदेश की नौकरशाही को सख्त लहजे में निर्देश दे रहे थे, उसी समय सीहोर के प्रभारी मंत्री रामपाल सिंह मीडिया को बता रहे थे कि पकड़े गए डंपर सीएम के रिश्तेदारों के हैं ही नहीं। उनका बचकाना तर्क था कि कई डंपर वाले चौहान लिख लेते हैं और हर कोई सीएम का रिश्तेदार नहीं हो सकता। इस तरह शिवराज के मंत्री बिना वजह विपक्ष के हाथ में सियासी मुद्दा थमाए रखते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह राहुल ने पकड़े गए डंपर सीएम के रिश्तेदारों के ही होने का दावा करते हुए कहा कि रामपाल सिंह प्रभारी मंत्री होने के नाते अवैध माइनिंग के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने रामपाल सिंह के बयान पर चुटकी लेते हुए कहा कि चौहान लिख लेने से अगर डंपर नहीं पकड़े जाते हैं, तब इसका सीधा अर्थ है कि चौहान शब्द अवैध माइनिंग और परिवहन का कोडवर्ड हो गया है।

मुख्यमंत्री ने अफसरों को भले ही अवैध माइनिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है, लेकिन हकीकत यह है कि ऐसे मामलों में भाजपा के रसूखदारों का नाम आने के कारण अधिकारी भी बचने की कोशिश करते हैं। सच्चाई यह है कि नर्मदा नदी के किनारे रेत के अवैध उत्खनन ने पिछले 10 सालों में सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। होशंगाबाद, सीहोर, जबलपुर, मंडला आदि तमाम जिलों में रेत की अवैध माइनिंग नर्मदा के तटों को खोखला कर रही है। मुख्यमंत्री जब नर्मदा के संरक्षण और शुद्धिकरण को लेकर नर्मदा सेवा यात्रा का बड़ा अभियान चला रहे हैं, तब नर्मदा से रेत के अवैध उत्खनन का मुद्दा गर्माना स्वाभाविक है। जिस तरह नसरुल्लागंज में अवैध डंपर पकड़े गए उससे साफ है कि माइनिंग माफिया को किसी बात का डर नहीं है। नर्मदा सेवा यात्रा लगातार चलने के बावजूद अवैध उत्खनन जारी रहना, यह  दर्शाता है कि या तो माइनिंग करने वालों के हाथ इतने लंबे हैं कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता या फिर अवैध उत्खनन रोकने के लिए जिम्मेदार अधिकारी भी माइनिंग माफिया से मिल गए हैं।

पिछले कुछ सालों में अवैध माइनिंग के बड़े-बड़े मुद्दे सामने आए, लेकिन न तो कोई बड़ा आदमी पकड़ा गया और न ही मइनिंग का काम रुका। भारतीय वन सेवा के अधिकारी आाजाद सिंह डबास ने खुले आम बैठकों में कहा और आला अफसरों को चिट्ठी भी लिखी कि माइनिंग माफिया के साथ अधिकारी मिले हुए हैं। वे मिलकर खनिज एवं वन संपदा का नाश कर रहे हैं, लेकिन कार्रवाई होना तो दूर ऐसे मामलों की जांच तक नहीं हुई। इसी तरह सतना के राम नगर  इलाके में अवैध माइनिंग और वन कटाई को लेकर जांच हुई और जांच अधिकारी ने माइनिंग माफियाओं के नाम देते हुए सरकार को चिट्ठी लिखी थी, लेकिन चिट्ठी में भाजपा के कई रसूखदारों के नाम होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई। कुछ दिन ये मामला गर्माने के बाद न चिट्ठी का पता है और न ही जांच अधिकारी का। ऐेसी कितनी ही जांच रिपोर्ट सरकारी फाइलों में कैद हैं। मुरैना में माइनिंग माफियाओं द्वारा आईपीएस अफसर नरेंद्र कुमार को मार दिए जाने की घटना आज भी सभी के जेहन में ताजी है, लेकिन उस इलाके में अवैध माइनिंग का काम नहीं रुका।

मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों के बाद भी, जरूरत इस बात की है कि भाजपा के नेताओं के सिर चढ़कर बोलता सत्ता का नशा पहले कम किया जाए। अगर मुख्यमंत्री और पार्टी मिल कर यह कर पाने में सफल रहे तो अवैध माइनिंग जैसे कामों पर बहुत हद तक लगाम लग जाएगी। प्रदेश की नौकरशाही को शायद बेहतर ढंग से काम कर पाने का मौका मिलेगा और माइनिंग माफियाओं के साथ मिल कर रैकेट बनाने वाले अफसरों का भी भांडाफोड़ होगा। ऐसा होने पर सीहोर जिले की माइनिंग इंस्पेक्टर रश्मि पांडे जैसे कई अफसर सामने आएंगे और पूरी दमदारी से सीएम के रिश्तेदारों और भाजपा के रसूखदारों पर भी कार्रवाई की हिम्मत जुटा सकेंगे शायद तभी सरकार की छवि सुधरेगी।