विकास कार्यों का श्रेेय लेने की होड़ में टकराने लगे सियासी दल

Mar 07, 2019

खरी खरी संवाददाता

‍भोपाल, 7 मार्च। विकास कार्यों का श्रेय लेने की होड़ में मध्यप्रदेश में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी टकराव शुरू हो गया है। पहले भोपाल में इसी के चलते पूर्व मंत्री विश्वास सारंग के खिलाफ सरकार की ओर से एफआईआर हुई तो ग्वालियर में पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा और उनके समर्थकों पर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज किया गया और गिरफ्तारी कर ली गई। श्रेय लेने की सियासत में टकराव की यह नौबत और भी कई जगह हो रही है।

लोकसभा चुनाव की दस्तक ने सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्ष में बैठी भाजपा दोनों को सक्रिय कर दिया है। कांग्रेस इस कोशिश में जुट गई है कि आचार संहिता लगने के पहले तमाम शिलान्यास और उदघाटन कर दिए जाएं ताकि जनता के बीच यह तर्क रखा जा सके कि नई सरकार कितनी तेजी से काम कर रही है। वहीं भाजपा को कांग्रेस सरकार की यह रणनीति नागवार गुजर रही है। उसके नेताओं को लग रहा है कि विकास के जो काम उनकी सरकार में शुरु हुए थे, उसका श्रेय उन्हें ही मिलना चाहिए। भाजपा के नेता चाहते हैं कि उदघाटन और शिलान्यास उनके द्वारा किया जाए। इसके चलते भोपाल में एक पार्क का उद्घाटन विवाद में घिर गया। भाजपा के क्षेत्रीय विधायक और पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने सरकारी उद्घाटन समारोह से पहले ही पार्क का उद्घाटन कर दिया। इस पर सरकारी महकमे की ओर से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई। अभी यह मामला शांत भी नहीं हो पाया था कि ग्वालियर में ऐसा ही घटनाक्रम हो गया। एक हजार विस्तरों वाले अस्पताल के का शिलान्यास समारोह ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा किए जाने का भाजपा के सांसद और पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने विरोध किया। उनका तर्क है कि यह अस्पताल भाजपा सरकार की उपलब्धि  है और इसका भूमि पूजन हो चुका है। विरोध कर रहे अनूप मिश्रा को पुलिस ने लाठीचार्ज करके हटाया और गिरफ्तार कर लिया।

भाजपा का  सरकार और कांग्रेस पर आरोप है कि वह ओछी राजनीति कर रही है। कांग्रेस इस मुद्दे पर भाजपा के खिलाफ है। भोपाल में हुए विवाद के बाद मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि विकास कार्य सरकार के खजाने से होते हैं। इसलिए उद्घाटन, शिलान्यास, भूमिपूजन का अधिकार उन्हें ही होता है जो सरकार में होते हैं। वहीं ग्वालियर में भी सांसद अनूप मिश्रा भले ही सिंधिया द्वारा शिलान्यास समारोह का विरोध कर रहे थे, लेकिन सिंधिया ने राज्य की चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्षमी साधौ के साथ कार्यक्रम के आयोजन को सही ठहाराया। उन्होंने प्रोटोकाल का पालन करते हुए केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर को कार्यक्रम में शामिल किया। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा के लोग अभी भी अपने आप को सरकार में समझ रहे हैं और इसलिए इस तरह की गलत रजनीतित कर रहे हैं।

बीते ढाई महीने से सिर्फ तबादलों में उलझी मध्यप्रदेश सरकार को अब अचानक विकास कार्यों के शिलान्यास और उद्घाटन की चिंता सताने लगी है। लोकसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में भाजपा एकदम आसानी के साथ सरकार को ऐसा नहीं करने देगी। श्रेय लेने की इस होड़ में विवाद तो होंगे, बस सवाल इतना सा है कि इस विवाद में कहीं विकास रुक न जाए।