लोकसभा में अभद्र भाषा में धमकी देने वाले विधूड़ी को बीजेपी ने दी बड़ी जिम्मेदारी

Sep 28, 2023

खरी खरी डेस्क

नई दिल्ली, 28 सितंबर। विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने वाले अपने सांसद रमेश बिधूड़ी को बीजेपी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें राजस्थान के टोंक जिले का प्रभारी बनाया गया है जो सचिन पायलट का गढ़ माना जाता है। पार्टी के इस फैसले से उन लोगों को झटका लगा है जो विधूड़ी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का इंतजार कर रहे थे।

संसद के नए भवन में संपन्न विशेष सत्र में सब कुछ ठीक था। महिला आरक्षण बिल जिस तरह से सर्वसम्मत्ति से पास हुआ, उससें संसदीय इतिहास बन गया. लेकिन यह भाजपा सांसद विधूड़ी और बसपा सांसद दानिश के बीच हुए विवाद के कारण सबका मन खट्टा कर गया। दानिश अली ने जो किया या कहा वह आपत्तिजनक था, लेकिन सांसद बिधूड़ी ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया वह लोकसभा के रिकार्ड से हटने के बाद भी कलुषित याद बन गई। इसलिए भाजपा ने भी रमेश बिधुड़ी को शो काज नोटिस जारी किया। लेकिन अब उन पर कार्रवाई की बजाय बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई। आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए ही दक्षिण दिल्ली सीट से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी को राजस्थान के टोंक जिले का प्रभारी नियुक्त किया गया है। बुधवार, 27 सितंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राजस्थान बीजेपी ने चार तस्वीरें पोस्ट की। इन तस्वीरों में रमेश बिधूड़ी, राज्य के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के साथ टोंक जिला समन्वय समिति की बैठक लेते हुए नजर आए।एक तरफ रमेश बिधूड़ी के आपत्तिजनक बयान की चारों तरफ आलोचना हो रही है, यहां तक की बीजेपी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है, वहीं दूसरी तरफ पार्टी, आगामी राजस्थान चुनाव को देखते हुए उन्हें ग्राउंड ज़ीरो पर ले जा रही है। ऐसे में सवाल कई उठते हैं कि रमेश बिधूड़ी पर कार्रवाई के बदले उन्हें अहम जिम्मेदारियां क्यों दी जा रही है? उन्हें दिल्ली से खास तौर पर टोंक क्यों ले जाया गया? बीजेपी ऐसा कर क्या संदेश देना चाहती है? चुनावी रण में रमेश बिधूड़ी, पार्टी के लिए कितने कारगर साबित हो सकते हैं?

बात सबसे पहले टोंक की। राजस्थान में आज़ादी से पहले रियासतें तो बहुत थीं, मगर टोंक राजस्थान में अकेली मुस्लिम रियासत थी। टोंक 1817 से 1974 तक अपनी रियासत की राजधानी रहा। 1817 में एक मुसलमान शासक ने इसे स्थापित किया था। आज भी टोंक के पूर्व नवाबों के वारिसों को सरकार की तरफ से भत्ता मिलता है। टोंक जिले की चार विधानसभाओं में करीब 50 फीसद हिंदू और करीब 48 फीसद मुस्लिम आबादी रहती है। हिंदुओं में भी गुर्जर समुदाय की आबादी काफी बड़ी है। साल 2018 में टोंक की चार विधानसभा सीटों में से तीन कांग्रेस ने जीती थी। इन्हीं में से एक टोंक विधानसभा सीट से जीतकर सचिन पायलट विधानसभा पहुंचे थे। यह पायलट परिवार का गढ माना जाता है। विधूड़ी को यहां का प्रभारी बनाया जाना नए चुनावी समीकऱण तय करेगा।