लापरवाही से हुआ उत्कल का एक्सीडेंट
लखनऊ, 20 अगस्त। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में खतौली के पास हुआ रेल हादसा रेल अमले की घोर लापरवाही के चलते हुआ। अभी तक आधिकारिक तौर पर हदासे के कारण नहीं बताए गए हैं, लेकिन अब तक की पड़ताल में यही तथ्य सामने आया है कि रेल कर्मचारियों की लापरवाही ने इतने लोगों की जान ले ली। असल में ट्रेन जहां दुर्घटनागस्त हुई है, वहां पटरी पहले से ही क्षतिग्रस्त थी और हादसे के समय काम चल रहा था। घटना स्थल पर रेलवे ट्रैक दो रिहायशी बस्तियों के बीच से गुजरता है और वहां हादसे की आशंका बनी रही है। इसलिए वहां से गाड़ियों को धीमी गति से निकाला जाता है। इसका संकेत गाड़ी के ड्राइवर को ग्राउंड स्टाफ द्वारा दिया जाता है। रेलवे के ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों उत्कल एक्सप्रेस के ड्राइवर को सावधानी का संकेत नहीं दिय़ा। इसलिए जहां 15 या 20 किमी की गति से ट्रेन निकलनी चाहिए थी, वहां उसकी गति 105 किमी प्रति घंटे के करीब थी। इतनी तेज स्पीड में ट्रेन जब क्रेक पटरी से गुजरी तो हादसा हो गया।
रेलवे के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने खरी-खरी को बताया कि हादसे की जांच चल रही है और अभी तक कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रेश पुलिस के संकेतो के आधार पर हादसे को आपराधिक साजिश से भी जोड़कर देखा जा रहा है। खतौली के डीएसपी राजीव कुमार सिंह ने बताया कि घायलों का खतौली और मुज़फ़्फरनगर के अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है। तकरीबन 100 लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती किया गया है। बुरी तरह से क्षतिग्रस्त डिब्बों को गैस कटर से काटकर अलग किया जा रहा है। दिल्ली के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) आरएन सिंह ने बताया कि शनिवार शाम 5.40 बजे कलिंग उत्कल एक्सप्रेस ने मेरठ और मुजफ्फ़रनगर के बीच स्थित खतौली रेलवे स्टेशन को पार किया था। ट्रेन इस स्टेशन को पार करने के बाद तीन-चार सौ मीटर आगे बढ़ी थी कि इंजन को झटका लगा जिसे ड्राइवर ने महसूस किय। इसके बाद ट्रेन के पांच कोच सुरक्षित आगे निकल गए। छठे कोच से आगे के 13 कोच पटरी से नीचे उतर गए। आखिरी के पांच कोच सुरक्षित पटरी पर ही थे। पुरी से हरिद्वार जा रही इस ट्रेन में कुल 23 डिब्बे थे।