रिपोर्ट कार्ड के आधार पर टिकट मिलेेगा भाजपा के सांसदों को
खरी खरी संंवाददाता
भोपाल, 18मार्च। मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर अपना पिछला प्रदर्शन दोहराने की कोशिश में जुटी भाजपा इसके लिए टिकट देने के मामले में कड़ी परीक्षा लेगी। पार्टी ने सभी सांसदों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करवाया है और यह रिपोट कार्ड टिकट मिलने और कटने में बड़ी भूमिका निभाएगा। यह रिपोर्ट कार्ड आरएसएस के निर्देश पर तैयार कराए गए हैं और चुनाव में इन्हें जनता के सामने भी रखा जाएगा।
मध्यप्प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कसक वाली शिकस्त से उबरने की कोशिश में जुटी भाजपा लोकसभा में बेहतर प्रर्दशन करके विधानसभा की हार के जख्मों को भरने की कोशिश में जुटी है। पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 29 में से 27 लोकसभा सीटें जीतकर परचम लहरा दिया था। कमलनाथ और सिंधिया को छोड़ कर कांग्रेस के सारे दिग्गज हार गए थे। भाजपा उसी तरह का प्रदर्शन दोहराने की सोच रही है। इसके लिए टिकट वितरण में बहुत सावधानी बरतने की कवायद चल रही है। पार्टी ने इस मुद्दे पर संघ का सहारा भी लिया है। संघ के कहने पर सभी सांसदों से उनका रिपोर्ट कार्ड मंगाया गया है। हालांकि पार्टी का कहना है कि पांच साल पहले घोषणा पत्र के आधार पर चुनाव मैदान में उतरे थे। पांच साल बाद अब कामकाज के आधार पर मैदान में उतरेंगे। पार्टी सांसदों के रिपोर्ट कार्ड का परीक्षण करेगी। उनके काम काज और दावों की समीक्षा की जाएगी। उसके बाद भाजपा और संघ की सहमति के बाद टिकट पर विचार किया जाएगा। पार्टी का दावा है कि यह रिपोर्ट कार्ड सांसदों के माध्यम से जनता के बीच रखा जाएगा।
विधानसभा के बाद अब लोकसभा में भी भाजपा को कड़ी टक्कर देने की कोशिश में जुटी कांग्रेस को भाजपा के इस दावे पर सख्त आपत्ति है। कांग्रेस का कहना है कि पहले तो सरकार को अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करना चाहिए, जिस तरह कमलनाथ सरकार ने अपने छोटे से कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड पेश कर दिया। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के सांसदों ने कोई काम ही नहीं किया है, तब किस बात का रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे। भाजपा के इस नए शिगूफे का चुनाव पर कितना असर पड़ेगा, यह तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन एक बात तय है कि रिपोर्ट कार्ड खराब होने के तर्क के साथ पार्टी को कई सांसदों का टिकट काटने में आसानी होगी