राहुल गांंधी की सांसदी जाने पर विदेशी मीडिया में हुआ जमकर कवरेज
खरी खरी डेस्क
नई दिल्ली, 25 मार्च। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के मुद्दे को विदेशी मीडिया ने भी जमकर कवर किया है। विदेशी मीडिया में आई ख़बरों में कांग्रेस, अन्य विपक्षी दल और बीजेपी के बयानों को जगह दी गई है। इसमें कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' का भी ज़िक्र है और अगले साल होने वाले आम चुनावों से भी इसे जोड़ा गया है।
ब्रिटिश अख़बार द गार्डियन ने शीर्षक दिया है, 'मानहानि मामले में भारतीय विपक्षी नेता संसद से निष्कासित।' अख़बार ने लिखा है कि भारत के विपक्षी नेता राहुल गांधी को मानहानि मामले में सज़ा मिलने के 24 घंटों के बाद संसद से निष्कासित कर दिया गया। राहुल गांधी तुरंत जेल नहीं जाएंगे क्योंकि उन्हें ज़मानत मिल चुकी है। अगर उच्च न्यायालय उनकी सज़ा पर स्टे लगा देता है तो वो लोकसभा सदस्यता के लिए फिर से योग्य हो जाएंगे। राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जाने के बाद उनके संसदीय क्षेत्र वायनाड में उपचुनाव भी हो सकते हैं। उनका राजनीतिक भविष्य धुंधला हो गया है।अख़बार ने राजनीतिक मामलों के शोधकर्ता आसिम अली के हवाले से लिखा है कि वो बीजेपी के राहुल गांधी पर ध्यान केंद्रित करने से हैरान हैं।
अमेरिकी अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स ने शीर्षक दिया है, ''राहुल गांधी को संसद से निष्कासित करके मोदी के सहयोगियों ने एक शीर्ष प्रतिद्वंद्वी को विफल किया।'' अख़बार ने लिखा है कि राहुल गांधी ने चार साल पहले पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती दी थी। उन्होंने पीएम मोदी को भारत की बहु-संप्रदाय की परंपरा को ख़त्म करने वाला हिंदू राष्ट्रवादी नेता बताया था जो देश के लोकतंत्र को ख़त्म कर सकता है। शुक्रवार को मोदी के सहयोगियों ने उनका ये काम पूरा कर दिया। अधिकारियों ने कोर्ट के राहुल गांधी को दोषी मानने के एक दिन बाद ही उन्हें संसद से अयोग्य करार दे दिया है। देश में अगले साल आम चुनाव होने वाले हैं और मानहानि का ये मामला राहुल गांधी और कांग्रेस को सालों की क़ानूनी लड़ाई में फंसा सकता है। अख़बार के मुताबिक पीएम मोदी के संभावित प्रतिद्वंद्वियों को मात देने के लिए उनके सहयोगियों ने ये सबसे कड़ा कदम उठाया है और विरोध की आवाज़ के ख़िलाफ़ कार्रवाई की है।
एक अन्य अमेरिकी अख़बार वॉशिगटन पोस्ट लिखता है, ''भारत ने मोदी के आलोचक राहुल गांधी को संसद से निकाला।''अख़बार ने राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने की ख़बर देते हुए लिखा है कि राहुल गांधी खुद को पीएम मोदी का मुख्य प्रतिद्वंद्वी मानते हैं लेकिन उनकी पार्टी कांग्रेस का पिछले दो आम चुनावों में ख़राब प्रदर्शन रहा है। वो हाल के महीनों में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाकर और मोदी सरकार पर भारत के लोकतंत्र की छवि बिगाड़ने का आरोप लगाकर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करते रहे हैं।पिछले साल राहुल गांधी ने एक लोकप्रिय ''एकता मार्च'' निकाला था और मोदी सरकार पर देश को बांटने का आरोप लगाया था।विपक्ष पीएम मोदी की राजनीतिक पार्टी (बीजेपी) को हाल के सालों में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ 'हेट स्पीच' और हिंसा को बढ़ावा देने का दोषी मानता है। हालांकि, बीजेपी इन आरोपों से इनकार करती है और उनके समर्थक कहते हैं कि गुजरात से एक चाय बेचने वाले के बेटे ने देश की स्थिति में सुधार किया है।
रेडियो फ्रांस इंटरनेशनल (आरएफ़आई) ने भी इस ख़बर को प्रकाशित किया है। आरएफ़आई ने अपनी ख़बर में लिखा है कि राहुल गांधी को मानहानि मामले में सज़ा मिलने के अगले दिन भारत की संसद से निष्कासित कर दिया गया।आरएफ़आई ने कहा है कि मोदी सरकार पर आलोचकों को निशाना बनाने और उन्हें चुप कराने के लिए क़ानून के इस्तेमाल करने का आरोप लगाया जाता है. राहुल गांधी का ये मामला पीएम मोदी के गृह प्रदेश गुजरात में उनके मुख्य विरोधियों के ख़िलाफ़ दर्ज मामलों में से एक है। क़तर के समाचार चैनल अल जज़ीरा ने शीर्षक दिया है, ''भारत के राहुल गांधी संसद से अयोग्य हुए।'' कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने अल जज़ीरा से बात करते हुए कहा है कि पार्टी ''इसे क़ानूनी और राजनीतिक तौर पर लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हम जनता की अदालत में हैं और जहां तक क़ानूनी विकल्प की बात है तो हमारे क़ानूनी सलाहकर इसे देख रहे हैं।''