राजनाथ की अगुवाई में कश्मीर पहुंचा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल
श्रीनगर, 4 सितंबर। 28 सदस्यों का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आज भारत प्रशासित कश्मीर पहुंचा। दल का नेतृत्व भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं। आठ जुलाई को संदिग्ध चरमपंथी बुरहान वानी की सुरक्षाबलों के साथ कथित मुठभेड़ में हुई मौत के बाद से कश्मीर घाटी में बीते दो महीने से तनाव है।
प्रतिनिधिमंडल घाटी के अलग-अलग राजनीतिक दलों से मौजूदा स्थिति पर चर्चा करेगा, हालांकि राजनाथ सिंह उन्हीं लोगों से मिलेंगे जो उनसे मिलने में दिलचस्पी दिखाएंगे। केंद्र सरकार ने बीते 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कश्मीर के मुद्दे पर हुई एक सर्वदलीय बैठक में इस प्रतिनिधिमंडल को कश्मीर भेजने का फ़ैसला लिया था।
दल के श्रीनगर पहुँचने से पहले राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने एक बयान जारी कर बातचीत में अलगाववादियों को शामिल करने की अपील भी की। महबूबा के बयान में कहा गया है कि अलगाववादी नेता अपना समय और स्थान चुनकर इस दल के साथ बातचीत करें।
वहीं अलगाववादी नेता और हुर्रियत कांफ्रेंस गिलानी गुट के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी ने दो दिन पहले ही साफ़ कर दिया था कि वो प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत में शामिल नहीं होंगे। गिलानी ने अपने बयान में कहा है कि वो वार्ता में तब ही शामिल होंगे जब भारत सरकार कश्मीर को एक विवादित मुद्दा माने और कश्मीर से सेना को हटाने के प्रयास शुरू किए जाएं। कश्मीर के व्यापारिक मंडल 'कश्मीर इकोनॉमिक एलायंस' ने भी इस प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इंकार किया है। एलायंस के मुखिया मोहम्मद यासीन ख़ान ने कहा कि हम इस प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिलेंगे, ये सिर्फ़ फोटो सेशन होगा।
दो महीने पहले कश्मीर में तनाव शुरू होने के बाद से गृहमंत्री राजनाथ सिंह तीसरी बार कश्मीर पहुँच रहे हैं। राजनाथ सिंह के नेतृत्व में इस दल के कश्मीर पहुंचने से एक दिन पहले ही दक्षिणी कश्मीर में पैलेट लगने से एक कश्मीरी युवक की मौत हुई है। बीते दो महीनों में अब तक पुलिस और सेना की कार्रवाई में 72 लोगों की जान जा चुकी है और हज़ारों घायल हुए हैं. मृतकों और घायलों में अधिकतर युवा हैं। कश्मीर में बीते सप्ताह 51 दिनों के बाद कर्फ़्यू में ढील दी गई थी। इससे पहले साल 2010 में जब कश्मीर में हालात ख़राब हुए थे तब भी एक प्रतिनिधिमंडल कश्मीर आया था। इस बार हालात और भी ख़राब हैं. क्या ये प्रतिनिधिमंडल सुलगते कश्मीर पर पानी डालने में कोई भूमिका निभा पाएगा। कश्मीर के लोग इसी सवाल के जवाब के इंतेज़ार में हैं।