यूपी की एक्साइज पालिसी के कुछ अच्छे प्रावधानों को अपनाएगी मप्र सरकार
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 6 सितंबर। मध्यप्रदेश सरकार पड़ोसी राज्य यूपी की एक्साइज पालिसी के कुछ अच्छे प्रावधानों को अपने राज्य में अपनाएगी। विशेषकर अवैध शराब और आबकारी से जुड़े अपराधों पर नियंत्रण के महत्वपूर्ण पहलुओं को अपनाने के बारे में विचार किया जा रहा। इसके लिए मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने यूपी की एक्सइज पालिसी का अध्ययन करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
मुख्यमंत्री डा. यादव ने शुक्रवार को वाणिज्यिक कर विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश के आबकारी नीति के मॉडल की उपयुक्तता मध्य प्रदेश में कैसे की जा सकती है, इसका बारीकी से आकलन किया जाए और उसे लागू करने पर विचार किया जाए।सीएम ने अफसरों को निर्देशित किया कि शैक्षणिक संस्थानों और धार्मिक स्थलों के पास शराब दुकानों को लेकर जो शिकायत मिलें, उन पर तत्काल प्रभावी कार्रवाई की जाए। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि शराब की दुकानें नगर की सीमा से डेढ़ किलोमीटर बाहर कर दी गई हैं। सभी बार और मदिरा दुकानों की जियो-टैगिंग की गई है। शराब के उत्पादन, वितरण और विक्रय तक की सभी प्रक्रियाओं की ई-आबकारी पोर्टल से निगरानी भी की जा रही है। महुआ से हैरिटेज मदिरा का विनिर्माण आरंभ किया गया है।
अचल संपत्तियों का पंजीयन
मुख्यमंत्री ने अचल संपत्तियों के पंजीयन को लेकर कहा कि जिन क्षेत्रों में विकास तथा अन्य गतिविधियों के कारण बाजार मूल्य में बढ़ोत्तरी हुई है, उन क्षेत्रों की दर को उस अनुपात में बढ़ाया जाए। दर का मूल्यांकन तिमाही आधार पर किया जाए। जीएसटी कर चोरी के प्रकरणों के चिह्नाकन और प्रभावी कार्रवाई पर ध्यान दें। सीएम ने कहा कि अचल संपत्ति के पंजीयन की दर का तिमाही आधार पर मूल्यांकन हो और नियमानुसार कर जमा करने वाले व्यवसायियों को सम्मानित किया जाए। एंटी इवेजन ब्यूरो में उन्हीं अधिकारियों की पदस्थापना हो, जिन्होंने आडिट और सर्कलों में अच्छा काम किया हो। नियमानुसार कर जमा करने वाले व्यवसायियों को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित व पुरस्कृत किया जाए। राज्य शासन की जिन भी योजनाओं में पुनर्विचार की आवश्यकता हो, उनकी समीक्षा करें।
विकास कार्यों को प्रभावित किए बिना आय के स्रोत बढ़ाने और व्यय पर नियंत्रण के प्रयास किए जाएं। प्रदेश में औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करें। इससे कर संग्रहण में और राज्य की आय बढ़ेगी। अचल संपत्तियों के पंजीयन के लिए विकसित संपदा 2.0 का पायलट अप्रैल 2024 से गुना, रतलाम, डिंडौरी और हरदा में किया गया। जल्द ही पूरे प्रदेश में इसका विस्तार किया जाएगा। इस दौरान बताया गया कि बीते वित्तीय वर्ष 2023-24 में 51 हजार 469 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जो पूर्व वर्ष 2022-23 में तुलना में 16 प्रतिशत अधिक रहा।