मौत के मातम में बदला मकर संक्रांति का उत्सव
पटना। बिहार की राजधानी पटना में गंगा के एनआईटी घाट पर मकर संक्रांति का उत्सव मौत के मातम में बदल गया। खचाखच भरी नाव गंगा नदी में पलटकर डूब जाने से करीब दो दर्जन लोगों की मौत हो गई। नाव किनारे से बमुश्किल तीस फिट ही जा पाई थी कि टूट कर पलट गई और कुछ ही मिनटों में त्यौहार की खुशियां मना रहे लोगों की जल समाधि हो गई। राज्य सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
मकर संकांति के मौके पर गंगा के एनआईटी घाट पर पतंगबाजी का आयोजन किया गया था। पतंगबाजी समाप्त होने के बाद लोग तुरंत वापस लौटना चाहते थे। इसी के चलते नाव ओवरलोड हुई।
सबलपुर दियारा से लौटते वक्त नाव 25 मीटर दूर जाने पर ही डगमगाने लगी। नाव में से धुआं निकलने लगा। किनारे पर मौजूद लोग यह चीखते सुनाई दिए कि नाव बीच में से टूट गई है। एक-दो लोगों ने नाव से पानी में छलांग लगा दी। नाव में तेजी से पानी भरा और देखते ही देखते वह डूब गई। किनारे से दो लोग तुरंत बाकी लोगों की जान बचाने नदी में कूदे। किनारे से जैकेट्स भी फेंकी गई। ये पूरा हादसा हजारों लोगों की भीड़ के सामने कुछ सेकेंडों में हो गया।
कार्यक्रम स्थल पर दोपहर को ही हालात बिगड़ चुके थे। भीड़ इतनी ज्यादा हो चुकी थी कि उसे काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। प्रशासन को जितनी उम्मीद थी, उससे ज्यादा लोग गंगा पार कर सबलपुर दियारा पहुंचे थे। हादसे के चश्मदीदों ने बताया कि जो भी बोट्स दियारा से लोगों को ले जा रही थीं, उन पर कैपेसिटी से ज्यादा लोग सवार थे। जो नाव डूबी, उस पर भी क्षमता से ज्यादा लोग थे। किनारे से थोड़ी ही दूर पर जाते ही नाव डगमगाने लगी और डूब गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना की जांच के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आर.के. महाजन को घायलों का इलाज कराने का आदेश दिया। मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए मुआवजा दिए जाने का एलान किया गया।