मप्र राज्य सिविल सेवा के चयनित अभ्यर्थियों से रूबरू हुए सीएम डा मोहन यादव
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 25 जनवरी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को भोपाल के रवींद्र भवन सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में मध्य प्रदेश राज्य सिविल सेवा के वर्ष 2019 व 2020 के चयनित अभ्यार्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान कर उनसे संवाद किया। मुख्यमंत्री ने अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सभी वर्षों की तपस्या और परिवारों की आशा, आकांक्षा, अपेक्षा के बलबूते पर राज्य सेवा के लिए चयनित हुए हैं। यह सुखद संयोग है कि हाल ही में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा हुई है, यह देश में सुशासन की प्राण प्रतिष्ठा है, हम रामराज्य की ओर अग्रसर हैं। आप सुशासन का पाथेय बन रहे हैं, अतः आप सब बधाई के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्वलित कर तथा सरस्वती जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मध्यप्रदेश गान के साथ आरंभ हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अभ्यर्थियों से संवाद में उनके कई प्रश्नों के उत्तर दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनसम्पर्क विभाग में नियुक्त सुश्री हिमांशी बजाज, शिवेन्द्र गुर्जर, वाणिज्यिकर अधिकारी सुश्री वर्षा पंवार, वाणिज्यिककर निरीक्षक राहुल विश्वकर्मा तथा अन्य को प्रतीक स्वरूप नियुक्ति पत्र प्रदान किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अभ्यर्थी, म.प्र. लोक सेवा में चयन को अपना अंतिम पड़ाव नहीं मानें, आप आगे बढ़ने के लिए ललक बनाए रखें, प्रयास करते रहें शासन की ओर से हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। अभ्यर्थियों को किसी स्वीकृति की आवश्यकता होने पर उन्हें राज्य शासन द्वारा उदारतापूर्वक स्वीकृति उपलब्ध कराई जाएगी। अभ्यर्थी युवा हैं, आप देश की धरोहर हैं, भारत विश्व का सबसे युवा देश है। इस धरोहर को पुष्पित-पल्लवित करना और उन्हें अपनी क्षमतानुसार लक्ष्य प्राप्ति में मदद करना हमारा दायित्व है। देश की आजादी के अमृतकाल में सभी क्षेत्रों में देश को आगे बढ़ाने में आप सब अपना हरसंभव सहयोग प्रदान करें। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाना, सब स्वस्थ और सुखी हों यह प्रयास करना तथा मध्यप्रदेश सभी क्षेत्रों में प्रथम स्थान पर हो इसके लिए समन्वित रूप से प्रयास करना ही हमारी सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्तमान युग विज्ञान और तकनीक का युग है। सौंपे गए कार्यों के संपादन में नई तकनीक को अपनाकर अपनी क्षमता बढ़ाने तथा कार्य को अधिक से अधिक सक्षमता, पारदर्शिता से शत-प्रतिशत पूर्णता तक ले जाने के लिए हमें संकल्पित रहना है। नई तकनीक अपनाने और सीखने की प्रवृत्ति के संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उदाहरण देते हुए अभ्यर्थियों को प्रेरित किया और कहा कि हमें जो भी दायित्व मिले उसे शत-प्रतिशत सफलता की ओर ले जाने के लिए हम प्रतिबद्ध रहें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश में शिक्षा की कई पद्धतियों के साथ-साथ शंकराचार्य पद्धति पर भी कई गुरूकुल संचालित हैं। इस व्यवस्था में कोई प्रमाण-पत्र नहीं है, परंतु यह पद्धति शत-प्रतिशत दक्षता के साथ काम करना सिखाती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य द्वारा सौंपे गए दायित्वों के निर्वहन में समर्पण, कर्तव्यनिष्ठा और त्याग के संबंध में चाणक्य, पन्नाधाय, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और कर्पूरी ठाकुर के उदाहरण देते हुए अभ्यर्थियों को विनम्र, तालमेल से कार्य करने और अध्ययनशील व सीखने के प्रवृत्ति बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।