मप्र का तेंदुआ स्टेट का दर्जा बरकरार
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 29 फरवरी। मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट के बाद अब तेंदुआ स्टेट का दर्जा बनाए रखने में भी कामयाब रहा है। केंद्रीय वन एवं जलवायु मंत्रालय ने तेंदुआ गणना की संख्या गुरुवार को जारी किए हैं। इसमें 3907 तेंदुओं के साथ मध्यप्रदेश नंबर एक पर है। मध्यप्रदेश को लगातार तीसरी बार तेंदुआ स्टेट का दर्जा हासिल हुआ है।
टाइगर स्टेट के साथ-साथ मप्र अपना तेंदुआ स्टेट का खिताब बरकरार रखने में भी कामयाब हो गया है। राज्य में तेंदुए की संख्या 486 बढ़कर 3907 हो गई है। कर्नाटक को पछाड़ते हुए महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर आ गया है। महाराष्ट्र में तेंदुआ की संख्या 1690 से बढ़कर 1985 हो गई है। जबकि कर्नाटक में मात्र 93 तेंदुआ की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। कर्नाटक में 1879 तेंदुआ पाए गए हैं। केंद्रीय वन एवं जलवायु मंत्रालय ने तेंदुआ गणना की संख्या गुरुवार को जारी किए हैं। तेंदुआ गिनती के जारी किए गए परिणामों के अनुसार देश भर में कुल तेंदुए की संख्या 13874 हो गई है। 2018 और 2022 की गणना में भी मध्य प्रदेश में सर्वाधिक तेंदुआ पाए गए थे। 2023 में हुई गणना में भी मध्य प्रदेश ने तेंदुआ राज्य का खिताब बरकरार रखा है। वो भी उस दौरान जब यहां हर साल औसतन 60 तेंदुओं की विभिन्न कारणों से मौत हो जाती है।
तेंदुओं के मामले में मध्य प्रदेश को लगातार तीसरी बार ये उपलब्धि मिली है। साल 2014 में देश में पहली बार तेंदुओं को गिनती में शामिल किया गया और प्रदेश में 1817 तेंदुए गिने गए। 2022 की गणना में मध्य प्रदेश में 3421 तेंदुआ की उपस्थिति दर्ज की गई थी। 2023 में हुई गणना में या संख्या बढ़कर 3907 हो गई है। जबकि 2022 में कर्नाटक दूसरे नंबर पर ही था और 2023 की गणना में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। विभाग को उम्मीद है कि, तेंदुआ गिनती की रिपोर्ट के बाद प्रदेश में वन्यप्राणी पर्यटन को पंख लगेंगे। राज्य सरकार वन्यप्राणी पर्यटन बढ़ाने पर लगातार काम कर रही है। ऐसे में ये रिपोर्ट बाहरी पर्यटकों को मध्य प्रदेश की ओर आकर्षित करेगी।