मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तीन साल का लक्ष्य: सीएम

Aug 08, 2020

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 8 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को मूर्त रूप देने का मध्यप्रदेश ने बीड़ा उठाया है। इसके लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। रोडमैप निर्माण में विषय विशेषज्ञों के सुझाव आमंत्रित करने के लिए वेबीनार आयोजित किए जा रहे हैं। बेबीनार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश को विकास की ऊंचाइयों पर ले जाने का कार्य अकेले सरकार नहीं कर सकती, इसके लिए सभी का सक्रिय सहयोग आवश्यक है। मप्र बेबीनार में प्राप्त सुझावों के आधार पर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की कार्ययोजना तैयार कर उस पर त्वरित गति से अमल किया जाएगा। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का हमने 3 वर्ष का लक्ष्य निर्धारित किया है।

बेबीनार में मिले खास सुझाव

  • चंबल प्रोग्रेस-वे' तथा 'नर्मदा एक्सप्रेस-वे' को जल्द पूर्ण करने के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के लिए पोर्टल विकसित किया जाएगा।
  • उद्योग तथा व्यापार से संबंधित मामलों के त्वरित निपटारे के लिए हाई पावर कमेटी गठित की जाए।
  • मध्यप्रदेश को मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब बनाया जाए।
  • सभी शहरी बायपास तथा रिंग रोड स्ववित्त पोषित परियोजना के रूप में लिए जाएं।
  • परिवहन से संबंधित कर प्रणाली को सरल, स्पष्ट व सुविधाजनक बनाया जाए।
  • ग्रामीण क्षेत्रों की सड़क से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।
  • ग्रामीण, ट्राइबल एरिया टूरिज्म एवं फिल्म टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाए।
  • नागरिक सुविधाओं की सरल व समय-सीमा में डिलेवरी के लिए ई-गवर्नेंस का विस्तार किया जाए।
  • सभी नागरिक सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएं।
  • फल तथा सब्जियों के परिवहन के लिए व्यवहारिक लॉजिस्टिक समाधान दिए जाएं, ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो।
  • 2024 तक प्रदेश कर हर घर नल-जल से जुड़े।
  • कौशल विकास के लिए 50 हजार प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, मैसन आदि के प्रशिक्षण की व्यवस्था।
  • प्रदेश की 225 सिंचाई परियोजनाएं वर्ष 2023 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य। वर्ष 2026 तक सिंचाई क्षमता को 75 लाख हैक्टेयर तक ले जाने की योजना।
  • प्रदेश विद्युत आपूर्ति और सौर ऊर्जा उत्पादन में देश में अग्रणी बने।
  • शहरी क्षेत्रों में तीन लाख ई.डब्ल्यू.एस. आवास तैयार किए जाने की योजना
  • सभी शहरी क्षेत्रों में अपशिष्ट प्रबंधन और इसकी रीसाईकिलिंग का लक्ष्य।
  • नगरीय क्षेत्रों में ई-व्हीकल चार्जिंग के लिए अधोसंरचना निर्माण की योजना।
  • प्रदेश में क्लीन एवं ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा।
  • इंदौर और भोपाल में 'प्राइयोरिटी कॉरीडोर' निर्माण।
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