भाजपा का मास्टर स्ट्रोक कही जा ही सेकंड लिस्ट से पार्टी में मचा बवाल
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 28 सितंबर। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए अपनी जिस दूसरी लिस्ट को मास्टर स्ट्रोक मान रहा था, उसने बवाल खड़ा कर दिया है। दूसरी लिस्ट में दिग्गजों को प्रत्याशी बनाकर पार्टी ने सभी को चौंका दिया, लेकिन इसका जमीनी स्तर ठीक नहीं रहा। टिकट की उम्मीद में दिन रात मेहनत कर रहे कई नेताओं का अपना भविष्य अंधकार में लगने लगा, इसलिए बगावत का बिगुल बज गया है। विशेषकर बुंदेलखंड और बघेलखंड में हालात बहुत खराब हो गई। कई नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया। यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा प्रत्याशियों की दूसरी सूची में तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों को मैदान में उतारकर सिर्फ कांग्रेस को नहीं बल्कि भाजपा के नेताओँ को भी चौंका दिया। नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, कैलाश विजयवर्गीय जैसे नेता विधानसभा का चुनाव लडेंगे, यह बात कार्यकर्ता हजम नहीं कर पा रहा है। इस सूची से वह कार्यकर्ता तो खुश है जो स्थानीय नेताओं से नाराज था, लेकिन वह कार्यकर्ता नाराज है जिसके नेता को इस बार टिकट मिलने की पूरी उम्मीद थी। उनते नेता भी बगावत वाले अंदाज में आ गए है। प्रत्याशियों की दूसरी सूची में 39 उम्मीदवारों के नाम हैं। इसमें 3 केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को टिकट दिया गया है। लिस्ट जारी होने के 24 घंटे के भीतर ही पार्टी में बगावत के सुर भी तेज हो गए हैं। सीधी से सांसद रीति पाठक को टिकट दिए जाने से नाराज सीधी के पूर्व जिला अध्यक्ष व प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य राजेश मिश्रा ने प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। राजेश मिश्रा सीधी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी से दावेदारी कर रहे थे, लेकिन इस बार भी उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया। सीधी विधानसभा क्षेत्र से तीन बार के लगातार विधायक रहे केदारनाथ शुक्ला का टिकट काटते हुए बीजेपी ने सीधी संसदीय क्षेत्र की सांसद रीती पाठक को टिकट दिया है। सतना से सांसद गणेश सिंह को टिकट दिया गया है। गणेश सिंह का नाम सामने आते ही सतना में भाजपा में बगावत का बिगुल बज गया। गणेश सिंह का टिकट फाइनल होने के बाद उम्मीदवारी की दौड़ में चल रहे रत्नाकर चतुर्वेदी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।सर्वे में जिन तीन दावेदारों का नाम शामिल था, उनमें रत्नाकर का नाम भी शामिल था। उन्होंने वीडियो जारी कर सांसद गणेश सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कोरोना काल का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना काल में कोई मैदान में नहीं आया, उन्होंने लोगों की सेवा की। रत्नाकर चतुर्वेदी ने दुख जताते हुए कहा, 'मेरी मेहनत का पार्टी ने मुझे ये फल दिया है, उसका तहे दिल से शुक्रिया। अगर जनता की इच्छा होगी तो मैं निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा। भाजपा से बगावत करने वाले रत्नाकर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के रिश्तेदार हैं। छतरपुर में अरविंद पटेरिया को टिकट दिए जाने से दो प्रबल दावेदार मलखान सिंह और घासी राम पटेल नाराज हो गए हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के खास माने जाने वाले अरविंद पटेरिया का विरोध पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी शुरू कर दिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश पांडे का कहना है कि बाहरी प्रत्याशी नहीं स्थानीय प्रत्याशी चाहिए।
भाजपा ने 39 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में कई केंद्रीय नेताओं को उम्मीदवार बनाया है। इसमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, सांसद रीति पाठक और सतना सांसद गणेश सिंह का नाम शामिल है।